चारु दूल्हा के आरती उतारू हे सखी लिरिक्स Charu Dulha Ke Aarti Utaru He Sakhi Lyrics

चारु दूल्हा के आरती उतारू हे सखी लिरिक्स Charu Dulha Ke Aarti Utaru He Sakhi Lyrics Shri Ram Bhajan Lyrics Hindi

 
चारु दूल्हा के आरती उतारू हे सखी लिरिक्स Charu Dulha Ke Aarti Utaru He Sakhi Lyrics

चारु दूल्हा के आरती उतारू हे सखी।
चित्तचोरवा के आरती उतारू हे सखी |

दुल्हिन स मिथलेश कुमारी |
दूल्हा दुलरवा स अवध बिहारी ||
भरी भरी नैना हे निहारु आए सखी |
चित्तचोरवा के आरती उतारू हे सखी |
चारु दूल्हा के आरती उतारू हे सखी। ||

व्याह विभूषण अंग अंग साजे |
मणि मंडप मंगलमय राजे ||
तन मन धन हे न्यैछारु हे सखी |
चारु दूल्हा के आरती उतारू हे सखी।
चित्तचोरवा के आरती उतारू हे सखी | |
 

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
+

एक टिप्पणी भेजें