जिही जिवरी से जग बंधा हिंदी मीनिंग
जिही जिवरी से जग बंधा,तू जनि बंधे कबीर।
जासी आटा लौन ज्यों, सोन समान शरीर।।
Jihee Jivaree Se Jag Bandha,too Jani Bandhe Kabeer.
Jaasee Aata Laun Jyon, Son Samaan Shareer.
माया के बंधन में लोग बंधे हुए हैं, जकड़े हुए हैं। तुम उन लोगों की भांति मत बँधो। हरी सुमिरण ही तुम्हे इस बंधन से मुक्त कर सकता है। जैसे नमक के बगैर आटा फीका होता है वैसे ही बिना हरी के सुमिरन के तुम्हारा यह जीवन भी फीका पड़ जाता है। यदि तुम हरी का सुमिरण करते हो तो यह तुम्हारे शरीर को 'स्वर्ण' के समान ही मूलयवान बना देता है। भाव है की इस जीवन में हरी सुमिरन और भजन का बहुत ही महत्त्व है इसलिए जीवन का हर पल भजन करने में बिताना चाहिए।
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