गुरु शरणगति छाडि के करै भरोसा मीनिंग

गुरु शरणगति छाडि के करै भरोसा और मीनिंग

गुरु शरणगति छाडि के करै भरोसा और।
सुख संपती को कह चली, नहीं नरक में ठौर।।

Guru Sharanagati Chhaadi Ke Karai Bharosa Aur.
Sukh Sampatee Ko Kah Chalee, Nahin Narak Mein Thaur
 
गुरु शरणगति छाडि के करै भरोसा और हिंदी मीनिंग Guru Sharangati Chadi Ke Kare Bharosa Aur Hindi Meaning

गुरु शरणगति छाडि के करै भरोसा दोहे का मीनिंग

गुरु की शरण को छोड़ कर यदि कोई अन्य किसी पर भी भरोसा करता है और सोचता है की उसे सुख सम्पति मिल जाएगी तो यह उसकी भूल है। सुख संम्पत्ति तो दूर की बात रही ऐसे जीव के लिए तो नरक में ही जगह मिलेगी। अन्य स्थान पर गुरु को गोविन्द के समान बताया गया है क्योंकि गुरु ही जीव को मोह माया से निकाल करके उसे सद्मार्ग की और अग्रसर करता है /गोविन्द का पता बताता है। बगैर गुरु के जीव मोह माया में ही फँस कर रह जाता है। 
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