पढ़ना गुनना चातुरी यह तो बात सहल्ल मीनिंग
पढ़ना गुनना चातुरी, यह तो बात सहल्ल।
काम दहन मन बस करन, गगन चढ़न मुश्कल्ल।।
Padhana Gunana Chaaturee, Yah To Baat Sahall.
Kaam Dahan Man Bas Karan, Gagan Chadhan Mushkall
पढ़ना गुनना चातुरी यह तो बात सहल्ल
दोहे का हिंदी मीनिंग: पढ़ना, उसे गुनना और लोक चातुर्य तो आसान कार्य है, इसे कोई भी कर सकता है, लेकिन काम, क्रोध, विषय वासना और अहम जो मायाजनित विकार हैं इनको काबू में करना गगन पर चढ़ने के समान मुश्किल हैं। बड़े बड़े ग्यानी, मुनि जन और साधू भी अपने जीवन भर की पूंजी (ज्ञान की पूंजी) को पल में ही माया का शिकार होकर लुटा बैठते हैं। इसलिए माया और उसके रूपों को सूक्ष्म रूप से समझने की आवश्यकता है। यदि माया पर काबू नहीं पाया तो बाकी सारे कार्य अधूरे हैं, क्योंकि माया अपना रूप बदल कर कभी भी जीव को अपने जाल में फंसा लेती है, इसलिए बहुत ही सावधानी से माया को जानना और पहचानना जरुरी है। माया को भी गुरु ज्ञान और प्रभु के नाम सुमिरन से ही जाना जा सकता है।
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