कामी क्रोधी लालची इनते भक्ति न मीनिंग
कामी क्रोधी लालची इनते भक्ति न होय मीनिंग
कामी क्रोधी लालची, इनते भक्ति न होय।
भक्ति करै कोई सूरमा, जाति बरन कुल खोय।
भक्ति करै कोई सूरमा, जाति बरन कुल खोय।
Kaamee Krodhee Laalachee, Inate Bhakti Na Hoy.
Bhakti Karai Koee Soorama, Jaati Baran Kul Khoy.
Bhakti Karai Koee Soorama, Jaati Baran Kul Khoy.
दोहे का हिंदी मीनिंग: वासनाओं से घिरे व्यक्ति, कामी, क्रोधी और लालची व्यक्ति से भक्ति नहीं हो सकती है। भक्ति कोई सुरमा ही कर सकता है क्योंकि भक्ति करने के लिए 'अहम्', जाति, समाज और कुल इन्हें खोना पड़ता है। मीरा बाई को भी उनके परिवार के ही लोगों के द्वारा बहुत यातनाएं दी गयी क्योंकि उनके परिवार के लोगों को लगा की वह उनके राज परिवार की इज्जत को धूमिल करने में लगी है। सांसारिक जीवन में रह कर भक्ति का पूर्ण पालन करना भी बहुत कठिन कार्य है इसीलिए साहेब ने कहा है की भक्ति करना किसी सूरमा का ही काम है। विषय वासनाओं में घिरे व्यक्ति को मालिक का नाम सुहाता भी नहीं है, उसे लगता है जैसे यह समय की बर्बादी है। जब समय निकल जाता है तो वह मात्र पछताता है और उसके हाथ कुछ नहीं रह जाता है।
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