सतगुरु लई कमाण करि बाहण मीनिंग

सतगुरु लई कमाण करि बाहण लागा तीर मीनिंग

 
सतगुरु लई कमाण करि, बाहण लागा तीर।
एक जु बाह्य प्रीति सू, भीतरि रह्या शरीर।।
 
Sataguru Laee Kamaan Kari, Baahan Laaga Teer.
Ek Ju Baahy Preeti Soo, Bheetari Rahya Shareer. 
 
सतगुरु लई कमाण करि बाहण लागा तीर हिंदी मीनिंग Satguru Layi Kaman Kari Bahan Laga Teer Hindi Meaning

सतगुरु लई कमाण करि शब्दार्थ: लई = लिया, कमाण = धनुष, बाहण = चलाना, बाह्या = चलाया, जु -जैसा। 

सतगुरु लई कमाण करि दोहे की मीनिंग: सतगुरु ने कमान हाथ में लेकर तीर चलाना शुरू किया और एक बाण 'प्रेम' का चलाया जो शरीर की भीतर प्रवेश करके अंदर ही रह गया। बाण हैं गुरु ज्ञान के शब्द। गुरु ज्ञान के शब्दों के तीर सीधे शरीर (आत्मा ) में प्रवेश करते हैं और शिष्य को घायल कर देते हैं। धनुष से आशय 'साखी' से है साखी के शब्दों के तीर ही गुरु ज्ञान के तीर हैं। इस दोहे में रूपकाशयोक्ति अलंकार का प्रयोग किया गया है और भाषा मिली जुली शाधुकड़ि है। वस्तुतः मूल रूप से इस दोहे में गुरु की महिमा का वर्णन है जो की अपने ज्ञान के बाण से शिष्य को सही राह दिखाता है। शिष्य अपनी योग्यता के अनुसार गुरु के बताये ज्ञान को अपने अंदर आत्मसात करता है।

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