अजि हठ मत कर बावरे हठ से बात ना होय मीनिंग
अजि हठ मत कर बावरे, हठ से बात ना होय,
ज्यूँ ज्यूँ भीजे कामरी, त्यूं त्यूं भारी होय
या
अज हठ मत कर बावरे, हठ से बात न होय।।
यू यू भी जै कामरी, यू यू भारी होय।
Aji Hath Mat Kar Baavare, Hath Se Baat Na Hoy,
Jyoon Jyoon Bheeje Kaamaree, Tyoon Tyoon Bhaaree Hoy
Ya
Aj Hath Mat Kar Baavare, Hath Se Baat Na Hoy..
Yoo Yoo Bhee Jai Kaamaree, Yoo Yoo Bhaaree Hoy.
अज हठ मत कर बावरे भावार्थ हिंदी में : हठ, जिद्द करने से तर्क समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति एक ही बात पर अड़ जाता है। जैसे जैसे कंबल भीगती है, वैसे वैसे और अधिक भारी बनती जाती हैं, जड़ होने लगती है। किसी भी बात का हठ कर लेने से बात बिगड़ती है, सुधरती नहीं है। इसलिए स्वभाव में कुछ लचीलापन भी जरुरी होता है क्योंकि जहां कोई व्यक्ति हठ कर लेता है वह दूसरों के दृष्टिकोण को तार्किक रूप से समझने का अवसर खो देता है।
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