सरस सुपावन शक्ति हे ...तेजोम्यी अपार हे आनंद स्वरूपणी....म्म हृदय कर उज्जियार जय माँ .....जय माँ .... अराधन तेरा करूं ...निशदिन ,आठों याम
घट अंतर शक्ति जगे ...गाऊं तब शुभ नाम जय माँ .....जय माँ .... पत्तित-पावनी मात हे ....बालक शरण तिहार मंगलम्य वरदान दे ..यही विनती बारम्बार .. जय माँ .....जय माँ .... अंबिके जगदम्बिके अब तेरा ही आधार है , जिसने ध्याया तुझको मैया , उसका बेड़ा पार है। नंगे पग तेरे दर पे मईया अकबर आया,
Durga Mata Bhajan Lyrics Hindi,Hari Om Sharan Bhajan
सोने का छत्र माँ उसने चढ़ाया । पूजा किया माँ उसने तेरी ,तू शक्ति का अवतार है, जिसने ध्याया तुझको मैया , उसका बेड़ा पार है । अंबिके………. पान सुपारी ध्वजा नारियल लेकर भेंट चढ़ाऊँ, हाथ जोड़कर विनती करूँ माँ , तुझको ही मनाऊँ । दर पे आये भक्तों ने बोली जय-जयकार है , जिसने ध्याया तुझको मैया उसका बेड़ा पार है।
अंबिके…………. दर पे खड़े सवाली भर दे ,मेरी झोली खाली , तेरा वचन न जाये खाली , जय हो मैया शेरां वाली , कर दे कृपा मेहरां वाली , माता तू बड़ी दयाल है, जिसने ध्याया तुझको मैया , उसका बेड़ा पार है । अंबिके………. धर्म भवन जागरण में मैया , तुमको आना है, सब भक्तों ने मईया तेरा दर्शन पाना है । जल्दी से अब आजा मईया , तेरा इन्तजार है , जिसने ध्याया तुझको मैया , उसका बेड़ा पार है । अंबिके………………