चाहे रूठे सब संसार, मगर मेरा श्याम नहीं रूठे, मेरी साँसे थम जाएँ, मेरी साँसे थम जाएँ, मगर विश्वास नहीं टूटे, चाहे रूठे सब संसार, मगर मेरा श्याम नहीं रूठे, चाहे रूठे सब संसार, मगर मेरा श्याम नहीं रूठे, अफ़सोस मुझे उस पल का है, जब घोर अँधेरा छांया था, मेरी आँखें रोकर हारी, कोई नजदीक नहीं आया था, झूठे सब रिश्तेदार, मगर मेरा श्याम नहीं रूठे, चाहे रूठे सब संसार, मगर मेरा श्याम नहीं रूठे, मझधार में थी दरकार मुझे, जाना था भव से पार मुझे, मझधार में थी दरकार मुझे, जाना था भव से पार मुझे, अपनों ने नज़रे फेरी थी, बाबा का मिला तब प्यार मुझे, चाहे डुबु अब मझधार, चाहे डुबु अब मझधार, मगर मेरा श्याम नहीं रूठे, चाहे रूठे सब संसार, मगर मेरा श्याम नहीं रूठे, बिन मांगे झोली भरता है, मेरे दिल की बात समझता है, बिन मांगे झोली भरता है, मेरे दिल की बात समझता है, सोनी जब श्याम को याद करूँ, ये दौड़ा दौड़ा आता है, चाहे कर दे सब इंकार, मगर मेरा श्याम नहीं रूठे, चाहे कर दे सब इंकार, मगर मेरा श्याम नहीं रूठे,
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