ऑस्ट्रेलिया में स्ट्रीट स्क्रेपिंग :ईवेस्टबेन eWaste Ben Scraping Master
आस्ट्रेलिया में इ स्क्रैपिंग या वेस्ट मैनेजमेंट कैसे होता है इसकी तुलना भारत से करें तो यह काफी रोचक और डिफरेंस वाला विषय है। जहाँ हमारे यहां पर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के रिपेयर पर उसकी लागत से ज्यादा खर्चा कर दिया जाता है वहीँ आर्थिक रूप से विकसित देशों में डैमेज हो चुके डिवाइस को फ़ेंक कर उसके स्थान पर नया खरीद लिया जाता है। अभी एप्पल ने भी अपने मंथली रिव्यु में रिपेयर को घाटे का सौदा बताया है। जाहिर सी बात है की जो मुल्क विकसित हैं उनके लिए यह एक सामान्य सी बात है लेकिन हमारे यहां ऐसा सम्भव नहीं है। हां, पहले की बजाय इसमें काफी अंतर आया है। यूट्यूब पर जब eWaste Ben देखा तो वहां के विषय में काफी जानकारी हुयी। यह वीडियो यूँ ही स्क्रॉल लिस्ट में आया और बाद में मैंने इसे सब्सक्राइब कर लिया। आप भी देखिये की कैसे वहां के लोग स्क्रैप मेटेरियल को रेसिकिल हब में पहुंचते हैं।
काफी काम की वस्तुएं वे लोग अपने घरों के बाहर रख देते हैं जिन्हे स्क्रेपर्स उठा कर ले जाते हैं और उनमे से काम की वस्तुओं को रख कर बाकी सामान को रिसाइकिल सेंटर्स पर पहुंचा देते हैं। स्ट्रीट स्क्रेपर्स अपने यहाँ भी हैं लेकिन उनकी दशा देखकर बहुत बुरा लगता है।हमारी जनसख्या और बहुत से पहलू हमारी वर्तमान दशा और दिशा के लिए जिम्मेदार हैं। बहरहाल यह दिलचस्प तो है ही की कैसे स्ट्रीट स्क्रेपर्स ऑस्ट्रेलिया में काम करते हैं।देखिये कैसे स्ट्रीट स्क्रेप्पिंग को भी वहां पर सम्मानजनक दिखाया गया है। इस चैनल में देखें की जब ये स्क्रैपर भारत में मुम्बई आता है तो यहाँ के विषय में क्या जानकारी लेकर जाता है।
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