हर ग्यारस मे होवे बाबा का खूब शृंगार
हर ग्यारस मे होवे, बाबा का खूब शृंगार,
हर ग्यारस मे होवे,
खाटू में लगता है मेला, आवे भक्त अपार,
हर ग्यारस मे होवे, बाबा का खूब शृंगार,
हर ग्यारस मे होवे,
जनवरी फरवरी के महीने, जो दर्शन थारो पावे,
जनवरी फरवरी के महीने, जो दर्शन थारो पावे,
उसके घर में.......................
उसके घर में खुशियां खुशियां श्याम धनि वरसावे,
हर ग्यारस मे होवे, बाबा का खूब शृंगार,
हर ग्यारस मे होवे,
फाग महीने की ग्यारस में लागे फागुन मेला,
मार्च महीने की ग्यारस में लागे फागुन मेला,
दूर दूर से .......................
दूर दूर से दर्शन को आवे भगतो का रेला,
हर ग्यारस मे होवे, बाबा का खूब शृंगार,
हर ग्यारस मे होवे,
अप्रैल और मई की ग्यारस भर देती है झोली,
अप्रैल और मई की ग्यारस भर देती है झोली,
श्याम ध्वजा ....................
श्याम ध्वजा लेकर चलती है जब भगतो की टोली,
हर ग्यारस मे होवे, बाबा का खूब शृंगार,
हर ग्यारस मे होवे,
जून जुलाई और अगस्त में बरसे रिम झिम पानी,
जून जुलाई और अगस्त में बरसे रिम झिम पानी,
देता है हां देता है .......................
देता है वरदान दिया का बाबा शीश का दानी,
हर ग्यारस मे हॉवे बाबा का खूब शृंगार
हर ग्यारस मे होवे,
सितम्बर अक्टूबर का मौसम होता है प्यारा,
सितम्बर अक्टूबर का मौसम होता है प्यारा,
श्याम धनि बिन हाँ श्याम धनि बिन
श्याम धनि बिन रहु अकेला ये नहीं मुझे गवारा,
हर ग्यारस मे होवे,
साल के अंतिम दो महीने चरणों में तेरे बिताऊ,
ऐसा लागे छोड़ के सब कुछ खाटू में मैं वस् जाऊ,
हर ग्यारस मे हॉवे बाबा का खूब शृंगार
हर ग्यारस मे हॉवे बाबा का खूब शृंगार
हर ग्यारस मे होवे,
खाटू में लगता है मेला, आवे भक्त अपार,
हर ग्यारस मे होवे, बाबा का खूब शृंगार,
हर ग्यारस मे होवे,
जनवरी फरवरी के महीने, जो दर्शन थारो पावे,
जनवरी फरवरी के महीने, जो दर्शन थारो पावे,
उसके घर में.......................
उसके घर में खुशियां खुशियां श्याम धनि वरसावे,
हर ग्यारस मे होवे, बाबा का खूब शृंगार,
हर ग्यारस मे होवे,
फाग महीने की ग्यारस में लागे फागुन मेला,
मार्च महीने की ग्यारस में लागे फागुन मेला,
दूर दूर से .......................
दूर दूर से दर्शन को आवे भगतो का रेला,
हर ग्यारस मे होवे, बाबा का खूब शृंगार,
हर ग्यारस मे होवे,
अप्रैल और मई की ग्यारस भर देती है झोली,
अप्रैल और मई की ग्यारस भर देती है झोली,
श्याम ध्वजा ....................
श्याम ध्वजा लेकर चलती है जब भगतो की टोली,
हर ग्यारस मे होवे, बाबा का खूब शृंगार,
हर ग्यारस मे होवे,
जून जुलाई और अगस्त में बरसे रिम झिम पानी,
जून जुलाई और अगस्त में बरसे रिम झिम पानी,
देता है हां देता है .......................
देता है वरदान दिया का बाबा शीश का दानी,
हर ग्यारस मे हॉवे बाबा का खूब शृंगार
हर ग्यारस मे होवे,
सितम्बर अक्टूबर का मौसम होता है प्यारा,
सितम्बर अक्टूबर का मौसम होता है प्यारा,
श्याम धनि बिन हाँ श्याम धनि बिन
श्याम धनि बिन रहु अकेला ये नहीं मुझे गवारा,
हर ग्यारस मे होवे,
साल के अंतिम दो महीने चरणों में तेरे बिताऊ,
ऐसा लागे छोड़ के सब कुछ खाटू में मैं वस् जाऊ,
हर ग्यारस मे हॉवे बाबा का खूब शृंगार
हर ग्यारस मे हॉवे बाबा का खूब शृंगार
खाटू श्याम जी का ग्यारस स्पेशल भजन | Har Gyaras Mein Hove | Purva Music Bhajan
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khaatoo mein lagata hai mela, aave bhakt apaar,
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