हरि मने पार उतार भजन
हरि मने पार उतार
नमी नमी विनती करुं छुं.
जगतमां जन्मीने बहु दुःख देख्यां,
संसारशोक निवार … नमी नमी.
कष्ट आपे मने कर्मनां बंधन,
दूर तुं कर किरतार … नमी नमी.
आ संसार वह्यो वह्यो जाय छे,
लक्ष चोराशी धार … नमी नमी.
मीरां कहे प्रभु गिरिधर नागर,
आवागमन निवार … नमी नमी.
नमी नमी विनती करुं छुं.
जगतमां जन्मीने बहु दुःख देख्यां,
संसारशोक निवार … नमी नमी.
कष्ट आपे मने कर्मनां बंधन,
दूर तुं कर किरतार … नमी नमी.
आ संसार वह्यो वह्यो जाय छे,
लक्ष चोराशी धार … नमी नमी.
मीरां कहे प्रभु गिरिधर नागर,
आवागमन निवार … नमी नमी.
hari mohe paar utaar rssb shabad first time on youtube
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
