श्री महालक्ष्मीची आरती
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी।
वससी व्यापकरुपे तू स्थूलसूक्ष्मी॥
करवीरपुरवासिनी सुरवरमुनिमाता।
पुरहरवरदायिनी मुरहरप्रियकान्ता।
कमलाकारें जठरी जन्मविला धाता।
सहस्त्रवदनी भूधर न पुरे गुण गातां॥
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी॥
मातुलिंग गदा खेटक रविकिरणीं।
झळके हाटकवाटी पीयुषरसपाणी।
माणिकरसना सुरंगवसना मृगनयनी।
शशिकरवदना राजस मदनाची जननी॥
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी॥
तारा शक्ति अगम्या शिवभजकां गौरी।
सांख्य म्हणती प्रकृती निर्गुण निर्धारी।
गायत्री निजबीजा निगमागम सारी।
प्रगटे पद्मावती निजधर्माचारी॥
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी॥
अमृतभरिते सरिते अघदुरितें वारीं।
मारी दुर्घट असुरां भवदुस्तर तारीं।
वारी मायापटल प्रणमत परिवारी।
हें रुप चिद्रूप दावी निर्धारी॥
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी॥
चतुराननें कुश्चित कर्मांच्या ओळी।
लिहिल्या असतिल माते माझे निजभाळी।
पुसोनि चरणातळी पदसुमने क्षाळी।
मुक्तेश्वर नागर क्षीरसागरबाळी॥
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी॥
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी।
वससी व्यापकरुपे तू स्थूलसूक्ष्मी॥
करवीरपुरवासिनी सुरवरमुनिमाता।
पुरहरवरदायिनी मुरहरप्रियकान्ता।
कमलाकारें जठरी जन्मविला धाता।
सहस्त्रवदनी भूधर न पुरे गुण गातां॥
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी॥
मातुलिंग गदा खेटक रविकिरणीं।
झळके हाटकवाटी पीयुषरसपाणी।
माणिकरसना सुरंगवसना मृगनयनी।
शशिकरवदना राजस मदनाची जननी॥
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी॥
तारा शक्ति अगम्या शिवभजकां गौरी।
सांख्य म्हणती प्रकृती निर्गुण निर्धारी।
गायत्री निजबीजा निगमागम सारी।
प्रगटे पद्मावती निजधर्माचारी॥
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी॥
अमृतभरिते सरिते अघदुरितें वारीं।
मारी दुर्घट असुरां भवदुस्तर तारीं।
वारी मायापटल प्रणमत परिवारी।
हें रुप चिद्रूप दावी निर्धारी॥
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी॥
चतुराननें कुश्चित कर्मांच्या ओळी।
लिहिल्या असतिल माते माझे निजभाळी।
पुसोनि चरणातळी पदसुमने क्षाळी।
मुक्तेश्वर नागर क्षीरसागरबाळी॥
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी॥
Jai Devi Jai Devi Jai Mahalaxmi -जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी || महालक्ष्मी आरती
पुरहर वरदायिनी मुरहर प्रियकांता
कमलाकारे जठरी जन्मविला धाता
सहस्त्र वदनी भूधर नपुरे गुणगाता. जय.
मातुल्लिंग गदा खेटक रविकिरणी
झळके हाटकवाटी पीयुष रसपाणि
माणिक रसना सुरंग वसना मृगनयनी
शशीकर वदना राजस मदनाची जननी. जय.
तारा शक्ती अगम्या शीवभजका गौरी
सांख्य म्हणती प्रकृती निर्गुण निर्धारी
गायत्री नीजबीजा निगमागमसारी
प्रगटे पद्मावती निजधर्माचारी. जय.
अमृत भरिते सरिते अघदुरिते वारी
मारी दुर्घट असुरा भवदुस्तर तारी
वारी माया पटल प्रणमत परिवारी
हे रूप चिद्रुप दावी निर्धारी. जय.
चतुराननाने कुश्चित कर्मांच्या ओळी
लिहिल्या असतिल माते माझे निजभाळी
पुसोनि चरणातळी पदसुमने क्षाळी
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी
वससी व्यापकरूपे राहे निश्चलरूपे तू स्थूलसुक्ष्मी. जय.
करवीरपूर वासिनी सुरवर मुनिमाता
पुरहर वरदायिनी मुरहर प्रियकांता
कमलाकारे जठरी जन्मविला धाता
सहस्त्र वदनी भूधर नपुरे गुणगाता. जय.
Jai Devi Jai Devi Jai Mahalakshmi।
Vasasi Vyapakarupe Tu Sthulasukshmi॥
Karvirpurvasini Survarmunimata।
Puraharavaradayini Muraharapriyakanta।
Kamalakare Jathari Janmavila Dhata।
Sahastravadani Bhudhara Na Pure Guna Gata॥
Jai Devi Jai Devi Jai Mahalakshmi॥
Matulinga Gada Khetaka Ravikirani।
Jhalake Hatakavati Piyusharasapani।
Manikarasana Surangavasana Mriganayani।
Shashikaravadana Rajasa Madanachi Janani॥
Jai Devi Jai Devi Jai Mahalakshmi॥
Tara Shakti Agamya Shivabhajaka Gauri।
Sankhya Mhanati Prakriti Nirguna Nirdhari।
Gayatri Nijabija Nigamagama Sari।
Pragate Padmavati Nijadharmachari॥
Jai Devi Jai Devi Jai Mahalakshmi॥
Amritabharite Sarite Aghadurite Vari।
Mari Durghata Asura Bhavadustara Tari।
Vari Mayapatala Pranamata Parivari।
He Rupa Chidrupa Davi Nirdhari॥
Jai Devi Jai Devi Jai Mahalakshmi॥
Chaturanane Kushchita Karmanchya Oli।
Lihilya Asatila Mate Majhe Nijabhali।
Pusoni Charanatali Padasumane Kshali।
Mukteshwara Nagara Kshirasagarabali॥
Jai Devi Jai Devi Jai Mahalakshmi॥
Om Jai Lakshmi Mata,Maiya Jai Lakshmi Mata।
Tumako Nishidin Sevat,Hari Vishnu Vidhata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
Uma Rama Brahmani,Tum Hi Jag-Mata।
Surya-Chandrama DhyavatNaarad Rishi Gata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
Durga Roop Niranjani,Sukh Sampatti Data।
Jo Koi Tumako Dhyavat,Riddhi-Siddhi Dhan Pata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
Tum Patal-Nivasini,Tum Hi Shubhdata।
Karma-Prabhav-Prakashini,Bhavanidhi Ki Trata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
Jis Ghar Mein Tum Rahti,Sab Sadgun Aata।
Sab Sambhav Ho Jata,Man Nahi Ghabrata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
Tum Bin Yagya Na Hote,Vastra Na Koi Pata।
Khan-Pan Ka Vaibhav,Sab Tumase Aata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
Shubh-Gun Mandir Sundar,Kshirodadhi-Jata।
Ratna Chaturdash Tum Bin,Koi Nahi Pata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
Mahalakshmi Ji Ki Aarti,Jo Koi Jan Gata।
Ur Anand Samata,Paap Utar Jata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
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Author - Saroj Jangir
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