जय वृषभानु कुँवरी श्री श्यामा भजन

जय वृषभानु कुँवरी श्री श्यामा भजन Jay Vrishbhanu Kunvari Shri Shyam

 
जय वृषभानु कुँवरी श्री श्यामा लिरिक्स Jay Vrishbhanu Kunvari Shri Shyam Lyrics

श्री राधे वुषभानुजा , भक्तनि प्राणाधार ।
वृन्दाविपिन विहारिणी , प्रानावौ बारम्बार ।।
जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम ।
चरण शरण निज दीजिये सुन्दर सुखद ललाम ।।
।।चौपाई।।
जय वृषभानु कुँवरी श्री श्यामा, कीरति नंदिनी शोभा धामा ।।
नित्य बिहारिनी रस विस्तारिणी, अमित मोद मंगल दातारा ।।1।।

राम विलासिनी रस विस्तारिणी, सहचरी सुभग यूथ मन भावनी ।।
करुणा सागर हिय उमंगिनी, ललितादिक सखियन की संगिनी ।।2।।

दिनकर कन्या कुल विहारिनी, कृष्ण प्राण प्रिय हिय हुलसावनी ।।
नित्य श्याम तुमररौ गुण गावै,राधा राधा कही हरशावै ।।3।।

मुरली में नित नाम उचारें, तुम कारण लीला वपु धारें ।।
प्रेम स्वरूपिणी अति सुकुमारी, श्याम प्रिया वृषभानु दुलारी ।।4।।

नवल किशोरी अति छवि धामा, द्दुति लधु लगै कोटि रति कामा ।।
गोरांगी शशि निंदक वंदना, सुभग चपल अनियारे नयना ।।5।।

जावक युत युग पंकज चरना, नुपुर धुनी प्रीतम मन हरना ।।
संतत सहचरी सेवा करहिं, महा मोद मंगल मन भरहीं ।।6।।

रसिकन जीवन प्राण अधारा, राधा नाम सकल सुख सारा ।।
अगम अगोचर नित्य स्वरूपा, ध्यान धरत निशिदिन ब्रज भूपा ।।7।।

उपजेउ जासु अंश गुण खानी, कोटिन उमा राम ब्रह्मिनी ।।
नित्य धाम गोलोक विहारिन , जन रक्षक दुःख दोष नसावनि ।।8।।

शिव अज मुनि सनकादिक नारद, पार न पाँई शेष शारद ।।
राधा शुभ गुण रूप उजारी, निरखि प्रसन होत बनवारी ।।9।।

ब्रज जीवन धन राधा रानी, महिमा अमित न जाय बखानी ।।
प्रीतम संग दे ई गलबाँही , बिहरत नित वृन्दावन माँहि ।।10।।

राधा कृष्ण कृष्ण कहैं राधा, एक रूप दोउ प्रीति अगाधा ।।
श्री राधा मोहन मन हरनी, जन सुख दायक प्रफुलित बदनी ।।11।।

कोटिक रूप धरे नंद नंदा, दर्श करन हित गोकुल चंदा ।।
रास केलि करी तुहे रिझावें, मन करो जब अति दुःख पावें ।।12।।

प्रफुलित होत दर्श जब पावें, विविध भांति नित विनय सुनावे ।।
वृन्दारण्य विहारिनी श्यामा, नाम लेत पूरण सब कामा ।।13।।

कोटिन यज्ञ तपस्या करहु, विविध नेम व्रतहिय में धरहु ।।
तऊ न श्याम भक्तहिं अहनावें, जब लगी राधा नाम न गावें ।।14।।

व्रिन्दाविपिन स्वामिनी राधा, लीला वपु तब अमित अगाधा ।।
स्वयं कृष्ण पावै नहीं पारा, और तुम्हैं को जानन हारा ।।15।।

श्री राधा रस प्रीति अभेदा, सादर गान करत नित वेदा ।।
राधा त्यागी कृष्ण को भाजिहैं, ते सपनेहूं जग जलधि न तरिहैं ।।16।।
 
 कीरति हूँवारी लडिकी राधा, सुमिरत सकल मिटहिं भव बाधा ।।
नाम अमंगल मूल नसावन, त्रिविध ताप हर हरी मनभावना ।।17।।

राधा नाम परम सुखदाई, भजतहीं कृपा करहिं यदुराई ।।
यशुमति नंदन पीछे फिरेहै, जी कोऊ राधा नाम सुमिरिहै ।।18।।

रास विहारिनी श्यामा प्यारी, करहु कृपा बरसाने वारी ।।
वृन्दावन है शरण तिहारी, जय जय जय वृषभानु दुलारी ।।19।।
।।दोहा।।
श्री राधा सर्वेश्वरी , रसिकेश्वर धनश्याम ।
करहूँ निरंतर बास मै, श्री वृन्दावन धाम ।।



राधा नाम सुमिरन का महत्त्व-
 
राधा नाम सुमिरन हमें दुख, कष्ट और विपत्तियों से बचाता है। राधा नाम सुमिरन एक शक्तिशाली मंत्र है जो हमारे जीवन से सभी प्रकार के नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। यह हमें बुरे लोगों और बुरी शक्तियों से बचाता है।
राधा नाम सुमिरन हमें मन की शांति और सुख देता है। राधा नाम सुमिरन हमारे मन को शांति और सुकून देता है। यह हमारे मन को सभी प्रकार के तनाव और चिंताओं से मुक्त करता है। यह हमें जीवन में खुशी और आनंद प्राप्त करने में मदद करता है।
 
राधारानी की महिमा और श्रीकृष्णजी के साथ उनके अनन्य प्रेम का गहन चित्रण है। राधारानी वृषभानु की लाडली हैं, जो वृंदावन की रस-भरी गलियों में विहार करती हैं। उनका स्वरूप इतना मनोहर है कि चंद्रमा भी उनकी छवि के सामने फीका पड़ता है। उनके चरणों की नूपुर की ध्वनि श्रीकृष्णजी के मन को हर लेती है, जैसे मधुर संगीत मन को एकटक कर देता हो।

राधारानी भक्तों की प्राणाधार हैं, जिनका नाम जपने से सारे सुखों का सार मिलता है। उनकी करुणा का सागर हृदय को उमंग से भर देता है, जैसे बारिश सूखी धरती को हरा-भरा करती है। वे श्रीकृष्णजी की प्रियतम हैं, जिनके बिना उनकी लीलाएँ अधूरी हैं। मुरली में उनका नाम गूँजता है, और श्रीकृष्णजी स्वयं उनके गुण गाते हैं। यह प्रेम इतना गहरा है कि राधा और कृष्ण एक ही रूप में समाए हैं, जैसे दीया और उसकी लौ एक-दूसरे से जुदा नहीं।

राधारानी का नाम अमंगल को मिटाने वाला है। जो भी उनका स्मरण करता है, उसके सारे दुख और ताप हर लेता है, जैसे सूरज की किरणें अंधेरे को भगा देती हैं। उनकी कृपा से भक्त का जीवन मंगलमय हो जाता है। वृंदावन की स्वामिनी, रस की सागर, राधारानी की शरण में जाने से मन को शांति और आत्मा को मुक्ति मिलती है।
 
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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