कैसे जिऊँ री माई, हरि बिन कैसे जिऊ री ।।टेक।। उदक दादुर पीनवत है, जल से ही उपजाई। पल एक जल कूँ मीन बिसरे, तलफत मर जाई। पिया बिन पीली भई रे, ज्यों काठ धुन खाय।
Krishna Bhajan Lyrics Hindi,meera Bai Bhajan Lyrics Hindi
औषध मूल न संचरै, रे बाला बैद फिरि जाय। उदासी होय बन बन फिरूँ, रे बिथा तन छाई। दासी मीराँ लाल गिरधर, मिल्या है सुखदाई।।