सुख चाहें, और पाप करें हम,
मन को कैसा हुआ भरम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
मन को कैसा हुआ भरम,
पैर तले तो, काँटा बोये,
पैर तले तो, काँटा बोये,
फिर क्यों भाग्य को कोसे हम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
मन को कैसा हुआ भरम,
छुप के पाप किया सुख देखा,
सच्चे सुख का ज्ञान गया,
छुप के पाप किया सुख देखा,
सच्चे सुख का ज्ञान गया,
सच्चा सुख सुन्दर चिंतन में,
मन चंचल जब मान गया,
औरों से छुप गया पाप पर,
अपना मन तो करे शरम,
पैर तले तो, काँटा बोये,
फिर क्यों भाग्य को कोसे हम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
मन को कैसा हुआ भरम,
पाप वही जिससे दुःख बढ़ता,
मर्यादा को तोड़ दिया,
पाप वही जिससे दुःख बढ़ता,
मर्यादा को तोड़ दिया,
वही पुण्य जिससे सुख आये,
त्याग किया कुछ छोड़ दिया,
तृष्णा के पीछे नहीं भागो,
नारायण ही बड़ा धरम,
पैर तले तो, काँटा बोये,
फिर क्यों भाग्य को कोसे हम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
मन को कैसा हुआ भरम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
मन को कैसा हुआ भरम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
मन को कैसा हुआ भरम,
पैर तले तो, काँटा बोये,
पैर तले तो, काँटा बोये,
फिर क्यों भाग्य को कोसे हम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
मन को कैसा हुआ भरम,
मन को कैसा हुआ भरम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
मन को कैसा हुआ भरम,
पैर तले तो, काँटा बोये,
पैर तले तो, काँटा बोये,
फिर क्यों भाग्य को कोसे हम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
मन को कैसा हुआ भरम,
छुप के पाप किया सुख देखा,
सच्चे सुख का ज्ञान गया,
छुप के पाप किया सुख देखा,
सच्चे सुख का ज्ञान गया,
सच्चा सुख सुन्दर चिंतन में,
मन चंचल जब मान गया,
औरों से छुप गया पाप पर,
अपना मन तो करे शरम,
पैर तले तो, काँटा बोये,
फिर क्यों भाग्य को कोसे हम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
मन को कैसा हुआ भरम,
पाप वही जिससे दुःख बढ़ता,
मर्यादा को तोड़ दिया,
पाप वही जिससे दुःख बढ़ता,
मर्यादा को तोड़ दिया,
वही पुण्य जिससे सुख आये,
त्याग किया कुछ छोड़ दिया,
तृष्णा के पीछे नहीं भागो,
नारायण ही बड़ा धरम,
पैर तले तो, काँटा बोये,
फिर क्यों भाग्य को कोसे हम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
मन को कैसा हुआ भरम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
मन को कैसा हुआ भरम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
मन को कैसा हुआ भरम,
पैर तले तो, काँटा बोये,
पैर तले तो, काँटा बोये,
फिर क्यों भाग्य को कोसे हम,
सुख चाहें, और पाप करें हम,
मन को कैसा हुआ भरम,
Sukh Chahe Aur Paap Kare with Lyrics | Anup Jalota | Shree Krishna Bhajan | Nirgun Song
sukh chaahen, aur paap karen ham,
man ko kaisa hua bharam,
sukh chaahen, aur paap karen ham,
man ko kaisa hua bharam,
sukh chaahen, aur paap karen ham,
man ko kaisa hua bharam,
pair tale to, kaanta boye,
pair tale to, kaanta boye,
phir kyon bhaagy ko kose ham,
sukh chaahen, aur paap karen ham,
man ko kaisa hua bharam,
chhup ke paap kiya sukh dekha,
sachche sukh ka gyaan gaya,
chhup ke paap kiya sukh dekha,
sachche sukh ka gyaan gaya,
sachcha sukh sundar chintan mein,
man chanchal jab maan gaya,
auron se chhup gaya paap par,
apana man to kare sharam,
pair tale to, kaanta boye,
phir kyon bhaagy ko kose ham,
sukh chaahen, aur paap karen ham,
man ko kaisa hua bharam,
paap vahee jisase duhkh badhata,
maryaada ko tod diya,
paap vahee jisase duhkh badhata,
maryaada ko tod diya,
vahee puny jisase sukh aaye,
tyaag kiya kuchh chhod diya,
trshna ke peechhe nahin bhaago,
naaraayan hee bada dharam,
pair tale to, kaanta boye,
phir kyon bhaagy ko kose ham,
sukh chaahen, aur paap karen ham,
sukh chaahen, aur paap karen ham,
man ko kaisa hua bharam,
sukh chaahen, aur paap karen ham,
man ko kaisa hua bharam,
sukh chaahen, aur paap karen ham,
man ko kaisa hua bharam,
pair tale to, kaanta boye,
pair tale to, kaanta boye,
phir kyon bhaagy ko kose ham,
sukh chaahen, aur paap karen ham,
man ko kaisa hua bharam,
Song Credits :
Singer: Anup Jalota
Music Director: Anup Jalota
Lyrics: Narayan Agarwal
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