मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई लिरिक्स Mere To Girdhar Gopal Dusaro Na Koy Lyrics

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई लिरिक्स Mere To Girdhar Gopal Dusaro Na Koy Lyrics

 
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई लिरिक्स Mere To Girdhar Gopal Dusaro Na Koy Lyrics

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई
तात मात भ्रात बंधु आपनो न कोई
छांड़ी दई कुलकी कानि कहा करिहै कोई
संतन ढिग बैठि बैठि लोक लाज खोई
चुनरी के किये टूक ओढ़ लीन्ही लोई
मोती मूंगे उतार बनमाला पोई
अंसुवन जल सीचि सीचि प्रेम बेलि बोई
अब तो बेल फैल गई आंनद फल होई
दूध की मथनियां बड़े प्रेम से बिलोई
माखन जब काढ़ि लियो छाछ पिये कोई
भगति देखि राजी हुई जगत देखि रोई
दासी मीरा लाल गिरधर तारो अब मोही
 
 

Meera Bhajan - Mere to Giridhar Gopal with Lyrics, Voice - Vani Jayram
शब्दार्थ
कानि- इज्जत, मान, लाज, परंपरा
संतन ढिग- संतों के साथ बैठ कर ( यहा मीरां रैदास के बारे में कहना चाहती है जो जन्म से चमार थे, जूते बनाते हुए भजन गाते थे,परन्तु बहुत ही माने हुए विद्वान संत थे)
लोई- एक प्रकार का कंबल
मथनियां- एक प्रकार का पात्र जिसमें गाँवों में आज भी दही बिलो कर मक्खन निकाला जाता है।
mere to girdhar gopal dusro na koi
mere to girdhar gopal dusro na koi
jako sar mor mukat mere pati wohi
mere to girdhar gopal dusro na koi

koi kahe karo koi kahe goro
koi kahe karo koi kahe goro
mero kai ankhiyo khol
koi kahe halko koi kahe baharo
koi kahe halko koi kahe baharo
hiyo hai taraju tol
mere to girdhar gopal dusro na koi
mere to girdhar gopal dusro na koi

koi kahe chane koi kahe chaine
koi kahe chane koi kahe chaine
miyo hai bajuanta dhol
tan ka gahna sab kuch dina
tan ka gahna sab kuch dina
diya hai bajuband khol
mere to girdhar gopal dusro na koi
mere to girdhar gopal dusro na koi
jako sar mor mukat mere pati wohi
mere to girdhar gopal dusro na koi

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