मुझे चरणों से लगाले मेरे श्याम मुरली वाले
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
मेरी साँस साँस में तेरा, है नाम मुरली वाले।
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
भक्तो की तुमने कान्हा विपदा है टारी
मेरी भी बाह थामो आ के बिहारी।
बिगड़े बनाए तुमने, हर काम मुरली वाले॥
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
पतझड़ है मेरा जीवन, बन के बहार आजा।
सुन ले पुकार कान्हा बस एक बार आजा।
बैचैन मन के तुम्ही आराम मुरली वाले॥
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
तुम हो दया के सागर, जनमों की मैं हूँ प्यासी।
दे दो जगह मुझे भी, चरणों में बस ज़रा सी।
सुबह तुम्ही हो, तुम्ही ही मेरी श्याम मुरली वाले॥
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
मेरी साँस साँस में तेरा, है नाम मुरली वाले।
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले॥
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
मेरी साँस साँस में तेरा, है नाम मुरली वाले।
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
भक्तो की तुमने कान्हा विपदा है टारी
मेरी भी बाह थामो आ के बिहारी।
बिगड़े बनाए तुमने, हर काम मुरली वाले॥
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
पतझड़ है मेरा जीवन, बन के बहार आजा।
सुन ले पुकार कान्हा बस एक बार आजा।
बैचैन मन के तुम्ही आराम मुरली वाले॥
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
तुम हो दया के सागर, जनमों की मैं हूँ प्यासी।
दे दो जगह मुझे भी, चरणों में बस ज़रा सी।
सुबह तुम्ही हो, तुम्ही ही मेरी श्याम मुरली वाले॥
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
मेरी साँस साँस में तेरा, है नाम मुरली वाले।
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले॥
Mujhe Charno Se Lagale !! मुझे चरणों से लगाले
श्रीकृष्णजी के चरणों में शरण लेने की मार्मिक पुकार है, जहाँ भक्त का मन हर साँस में उनके नाम को बसाए हुए है। उनकी कृपा से भक्तों की हर मुश्किल दूर होती है, और बिगड़े काम सँवर जाते हैं, इसलिए भक्त बिहारी जी से अपनी बाह पकड़ने की गुहार लगाता है। जीवन पतझड़-सा सूना है, और वह कान्हा से बहार बनकर आने की प्रार्थना करता है, ताकि बेचैन मन को एक बार उनकी पुकार सुनकर शांति मिले। दया के सागर श्रीकृष्णजी से वह बस थोड़ी-सी जगह उनके चरणों में माँगता है, जो सुबह-शाम उसके मन में बसे हैं। यह सुंदर भजन उस गहरे प्रेम और समर्पण को दर्शाता है, जो भक्त को श्रीकृष्णजी की भक्ति में डुबोकर जीवन को आनंद और शांति से भर देता है।
