मुझे दे दर्शन गिरिधारी रे भजन
राग: ठुमरी ताल चलित
मुझे दे दर्शन गिरिधारी रे
तेरी साँवरी सूरत पर वारी रे ।
जमुना तट हरि धेनु चरावें मधुर मधुर स्वर
बैन बजावे। कांधे कमरिया कारी रे ।१।
मोरमुकुट पीताम्बर सोहे देख रूप मुनिगण
मन मोहे। कुंडल की छवि न्यारी रे ।२।
बृंदाबन में रास रचावें गोप गोपिका संग
मिल गावें। नूपुर की धुन प्यारी रे ।३।
भक्त हेतु हरि रूप बनाया ब्रह्मानंद मेरे
मन भाया। चरण कमल बलिहारी रे।४।
मुझे दे दर्शन गिरिधारी रे
तेरी साँवरी सूरत पर वारी रे
मुझे दे दर्शन गिरिधारी रे
तेरी साँवरी सूरत पर वारी रे ।
जमुना तट हरि धेनु चरावें मधुर मधुर स्वर
बैन बजावे। कांधे कमरिया कारी रे ।१।
मोरमुकुट पीताम्बर सोहे देख रूप मुनिगण
मन मोहे। कुंडल की छवि न्यारी रे ।२।
बृंदाबन में रास रचावें गोप गोपिका संग
मिल गावें। नूपुर की धुन प्यारी रे ।३।
भक्त हेतु हरि रूप बनाया ब्रह्मानंद मेरे
मन भाया। चरण कमल बलिहारी रे।४।
मुझे दे दर्शन गिरिधारी रे
तेरी साँवरी सूरत पर वारी रे
BHAJAN (MUJHE DE DARSHAN GIRDHARI RE ) --by Ramesh Bhai Ozha
Bhajan lyrics: Mujhe de darshan giridhar re
Raag:. Thumari taal chalit
Mujhe de darshan giridhari re
Teri sanvari surat par vari re |repeat|
Jamuna tat hari dhenu charave
madhur madhur Swar bain bajave
Kandhe kamaria kari re |1|
Raag:. Thumari taal chalit
Mujhe de darshan giridhari re
Teri sanvari surat par vari re |repeat|
Jamuna tat hari dhenu charave
madhur madhur Swar bain bajave
Kandhe kamaria kari re |1|
