जिसको नहीं है बोध तो गुरुज्ञान क्या करे लिरिक्स Jisko Nahi Hai Bodh Gurugyan Kya Kare Lyrics

जिसको नहीं है बोध तो गुरुज्ञान क्या करे लिरिक्स Jisko Nahi Hai Bodh Gurugyan Kya Kare Lyrics

 
जिसको नहीं है बोध तो गुरुज्ञान क्या करे लिरिक्स Jisko Nahi Hai Bodh Gurugyan Kya Kare Lyrics

जिसको नहीं है बोध तो गुरुज्ञान क्या करे
राग: रेख़्ता ताल दादरा
जिसको नही है बोध तो गुरु ज्ञान क्या करे
निज रूप को जाना नहीं पुराण क्या करे ।टेक।
घट घट में ब्रह्मजोत का प्रकाश हो रहा
मिटा न द्वैतभाव तो फिर ध्यान क्या करे ।१।
रचना प्रभू की देख कर ज्ञानी बड़े बड़े
पावे न कोई पार तो नादान क्या करे ।२।
करके दया दयाल ने मानुष जन्म दिया
बंदा न करे भजन तो भगवान क्या करे।३।
सब जीव जंतुओं में जिसे है नहीं दया
ब्रह्मानंद बरत नेम पुन्य दान क्या करे।४।


जिसको नहीं है बोध तो गुरुज्ञान क्या करे हिंदी मीनिंग Jisko Nahi Hai Bodh Gurugyan Kya Kare Hindi Meaning.

जिसको नही है बोध तो गुरु ज्ञान क्या करे : जिसका स्वंय का बोध नहीं है, तो गुरु ज्ञान क्या कर सकता है।
निज रूप को जाना नहीं पुराण क्या करे: जब तक स्वंय के अस्तित्व को नहीं पहचाना तो पुराण/ग्रन्थ किस कार्य के।
घट घट में ब्रह्मजोत का प्रकाश हो रहा : पूर्ण परम ब्रह्म की ज्योति घट घट में प्रकाशित हो रही है।
मिटा न द्वैतभाव तो फिर ध्यान क्या करे : जब द्वैत भाव नहीं मिटा तो ध्यान आदि प्रक्रिया किस काम की।
रचना प्रभू की देख कर ज्ञानी बड़े बड़े : ईश्वर के द्वारा रचित ब्रह्मांडीय कृतियों को देखकर बड़े बड़े ग्यानी भी विचार करते हैं।
पावे न कोई पार तो नादान क्या करे : कोई इससे पार नहीं पा सकता है. ईश्वर को समझना बड़े बड़े ज्ञानियों के बस की बात भी नहीं है।
करके दया दयाल ने मानुष जन्म दिया : ईश्वर ने हमें दया करके ही मनुष्य का जन्म दिया है।
बंदा न करे भजन तो भगवान क्या करे : यदि साधक ही, व्यक्ति ही भगवान् का भजन नहीं करे तो इसमें ईश्वर का क्या दोष है।
सब जीव जंतुओं में जिसे है नहीं दया : जीव जंतुओं में जिसमे दया नहीं है।
ब्रह्मानंद बरत नेम पुन्य दान क्या करे : ब्रह्मानंद जी कहते हैं की नियम, व्रत और दान पुण्य का क्या लाभ। इस भजन में कबीर साहेब के विचारों का प्रदर्शन होता है की भले ही कोई कितना भी दान पुण्य कर ले, उपवास रख ले, नियम कायदों को मान ले, लेकिन यदि उसके मन में दया का भाव नहीं है तो वह मुर्ख है, उसे कोई वेद और पुराण ईश्वर की प्राप्ति नहीं करवा सकती है।

Raag:. Rekhta taal dadra
Jisko nahi hai bodh to guru gyan kya kare
Nij roop ko jaana nahi puran kya kare |repeat|
Ghat ghat me bramhjot ka prakash ho raha
Mita na dwait bhav to fir dhyan kya kare
Rachna prabhu ki dekh kar gyani bade bade
Pave n koi paar to nadan kya kare
Karke daya dayal ne manush janam diya
Banda na kare bhajan to bhagwan kya kare
Sab jeev jantuon me jise hai nahi daya
Bramhanand barat nem punya daan kya kare



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