दरश को प्यासे हैं, मैया, मेरे नैन, एक झलक दिखलाओ, भवानी, तो आए भक्त को चैन। दरश को प्यासे हैं, मैया, मेरे नैन।। (अंतरा 1)
लगन लगाकर, कब से बैठे, दर पर, तेरे सवाली, पाप, ताप, संताप हरो माँ, अम्बे, दुर्गे, काली।
और जुदाई, ना होती अब, हमसे, मैया, सहन। दरश को प्यासे हैं, मैया, मेरे नैन।। (अंतरा 2)
दसों दिशा में, तेरा नूर, माँ, नहीं जगह कोई ख़ाली, सृष्टि पालनहार, तू ही है, मैया, शेरावाली।
हाथ दया का, रख सर पर, माँ, बीते जाएं ना रैन।
Mata Rani Bhajan lyrics in hindi
दरश को प्यासे हैं, मैया, मेरे नैन।। (अंतरा 3)
शिव-शक्ति, हे आदि भवानी, मैं तेरा रूप निहारूँ, अष्टभुजी, तत्काल आओ माँ, प्रेम से तुम्हें पुकारूँ।
मेरा जीवन धन्य करो, माँ, जो है तेरा ही देन। दरश को प्यासे हैं, मैया, मेरे नैन।।
(अंतरा 4)
ऋषि, देवता और गंधर्व ने, तेरा ही गुण गाया, 'सुरेन्द्र सिंह' भी संगत संग, माँ, शरण तेरी में आया।
पूर्ण इच्छा करने वाली, माँ, सुन मेरा भी कहन। दरश को प्यासे हैं, मैया, मेरे नैन।। (अंतिम पुनरावृत्ति)
दरश को प्यासे हैं, मैया, मेरे नैन, एक झलक दिखलाओ, भवानी, तो आए भक्त को चैन। दरश को प्यासे हैं, मैया, मेरे नैन।।
भक्त माता "भवानी" के दर्शन के लिए तरस रहा है, क्योंकि उनकी एक झलक से ही उसे शांति मिलेगी। वह माता के दर पर लंबे समय से प्रेम और लगन से बैठा है, अपने पापों और दुखों को हरने की प्रार्थना करता है। माँ के नूर और कृपा की महिमा गाते हुए, भक्त माँ से अपने सिर पर कृपा-दृष्टि बनाए रखने की प्रार्थना करता है।