अधमों के नाथ उबारना भजन लिरिक्स Adhamo Ke Nath Ubarna Tumhe Yaad Lyrics

अधमों के नाथ उबारना तुम्हें याद हो कि न याद हो भजन लिरिक्स, Adhamo Ke Nath Ubarna Tumhe Yaad Ho Ki Na Yaad Ho Bhajan Lyrics

 
अधमों के नाथ उबारना भजन लिरिक्स Adhamo Ke Nath Ubarna Tumhe Yaad Lyrics

अधमों के नाथ उबारना तुम्हें याद हो कि न याद हो।
मद खल जनों का उतारना तुम्हें याद हो कि न याद हो॥
प्रह्लाद जब मरने लगा, खंजर पै सिर धरने लगा।
उस दिन का खंम्भ बिदारना तुम्हें याद हो कि न याद हो॥
धृतराष्ट्र के दरबार में दुखी द्रौपदी की पुकार में।
साड़ी के थान संवारना तुम्हें याद हो कि न याद हो।
सुरराज ने जो किया प्रलय, ब्रजधाम बसने के समय।
गिरवर नखों पर धारना तुम्हें याद हो कि न याद हो॥
हम ‘बिन्दु’ जिनके निराश हो, केवल तुम्हारी आस हो।
उनकी दशाएँ सुधारना तुम्हें याद हो कि न याद हो॥ 
 

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