तीन पिंडी में यहाँ माँ तेरा बसेरा है
ऊँचे पर्वत पे माँ,
ये तेरा डेरा है,
तीन पिंडी में यहाँ,
माँ तेरा बसेरा है।
पहली पिंडी तेरी,
घर-घर खुशियां लाती,
अन धन की देवी,
माँ लक्ष्मी कहलाती,
अन धन की देवी,
माँ लक्ष्मी कहलाती।
दूजी पिंडी तेरी,
जीवन रोशन करती,
विद्या ज्ञान तू ही,
बांटे माँ सरस्वती,
विद्या ज्ञान तू ही,
बांटे माँ सरस्वती।
तीजी पिंडी में माँ,
है बड़ी तू दिल वाली,
जग कल्याणी तुम,
हो मैया माँ काली,
जग कल्याणी तुम,
हो मैया माँ काली।
त्रिकूट पर्वत ‘कुंदन’,
माँ वैष्णो रानी है,
सदियों से जिसकी,
ये दुनिया दीवानी है,
सदियों से जिसकी,
ये दुनिया दीवानी है।
पुनरावृत्ति (Refrain)
ऊँचे पर्वत पे माँ,
ये तेरा डेरा है,
तीन पिंडी में यहाँ,
माँ तेरा बसेरा है।
Matarani Bhajan | तीन पिंडी में माँ तेरा बसेरा | Teen Pindi Mein Maa Tera Basera | Monika Agrawal