कैलाश पे बैठ्या लगा समाधि बाबा डमरू वाळा,
छवि निराली, मुख पे चन्दा, भोला डमरू वाळा,
कैलाश पे बैठ्या लगा समाधि बाबा डमरू वाळा,
छवि निराली, मुख पे चन्दा, भोला डमरू वाळा,
छवि निराली, मुख पे चन्दा, भोला डमरू वाळा,
वो भस्म रमां के अंग अंग पे भेष बनाया घोरी,
तीजी आँख से जग ने विपदा न किस ने हो रही,
तेरे केश में गंगा, पाप हारे सब, का है जग रखवाला,
छवि निराली, मुख पे चन्दा, भोला डमरू वाळा,
छवि निराली, मुख पे चन्दा, भोला डमरू वाळा,
तीन लोक के नाथ, तुम्ही हो कहती दुनिया सारी,
बाबा मेरे भोले भाले मेरे काटे विपदा भारी,
तीन लोक के नाथ, तुम्ही हो कहती दुनिया सारी,
बाबा मेरे भोले भाले मेरे काटे विपदा भारी,
फिर आया द्वारे जो भी तेरे झोला है भर डाला,
छवि निराली, मुख पे चन्दा, भोला डमरू वाळा,
छवि निराली, मुख पे चन्दा, भोला डमरू वाळा,
तेरे सहारे बाबा मेरी, चल रही न इस शिखर में,
घरती पे तू, जल में तू, तू ही है अम्बर में,
तेरे सहारे बाबा मेरी, चल रही न इस शिखर में,
घरती पे तू, जल में तू, तू ही है अम्बर में,
हर कण कण में, तेरी माया, उत्तम ने लिख डाला,
छवि निराली, मुख पे चन्दा, भोला डमरू वाळा,
छवि निराली, मुख पे चन्दा, भोला डमरू वाळा,