Lata Mangeshkar Keshariya Balama
केसरियाँ बालमा, मोरे,
के बाँवरी बोले लोग, लोग रे,
के बाँवरी बोले लोग,
ना मैं जींवती, ना मरियोड़ी,
बिरहा म्हारों रोग रे,
बाँवरी बोले लोग, लोग रे
केसरियाँ बालमा, मोरे,
के बाँवरी बोले लोग, लोग रे,
के बाँवरी बोले लोग,
केसरियाँ,
चढ़ते दिन की आँच बटोरूँ,
तिल तिल,
तिल तिल सब जल जाऊँ,
ढलते साँझ की राख कुरेदूँ,
रेत में रेत में सब रळ जाये
न मिल पायी न बिछड़ी मैं,
कैसो ये संजोग रे,
बाँवरी बोले लोग, लोग रे
केसरियाँ बालमा, मोरे,
के बाँवरी बोले लोग, लोग रे,
के बाँवरी बोले लोग,
केसरियाँ,
मारु थल की लाम्बी छाइयाँ,
निस दिन,
निस दिन कुछ लिख जाऊँ,
मेरो सन्देसो कोई सुना दो,
जिस को वो जिस को वो दिख जाये,
प्रीत को देखे नगरी वाले,
पीड़ ना देखे लोग रे,
बाँवरी बोले लोग,
बाँवरी बोले लोग, लोग रे
केसरियाँ बालमा, मोरे,
के बाँवरी बोले लोग, लोग रे,
के बाँवरी बोले लोग,
केसरियाँ,
केसरियाँ बालमा, मोरे,
के बाँवरी बोले लोग, लोग रे,
के बाँवरी बोले लोग,
ना मैं जींवती, ना मरियोड़ी,
बिरहा म्हारों रोग रे, आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं