छोड़ी राजधानी तेरी राणा मुझको तो वृन्दावन जाना लिरिक्स Chodi Rajdhani Teri Rana Mujhko Lyrics

छोड़ी राजधानी तेरी राणा मुझको तो वृन्दावन जाना भजन लिरिक्स Chodi Rajdhani Teri Rana Mujhko To Vrindavan Jana Bhajan Lyrics Chitra Vichitra Ji Maharaj

 
छोड़ी राजधानी तेरी राणा मुझको तो वृन्दावन जाना लिरिक्स Chodi Rajdhani Teri Rana Mujhko Lyrics

टूट गए दुनिया के नाते
एक श्याम तुम्ही से नाता है
तू है मेरा मैं हु तेरा
अब और ना कोई भाता है
न छह हीरे मोती
ना छह सोना चंडी
मैं तो अपने गिरधर की
हो गयी रे प्रेम दीवानी
छोड़ी राजधानी तेरी राणा
मुझको तो वृन्दावन जाना
मुझको तो वृन्दावन जाना
कृष्णा कृष्णा बोलो कृष्णा
कृष्णा कृष्णा चल कृष्णा
एक ना मानूगी मैं वृन्दावन जाउंगी मैं
अपने गिरधर के आगे नाचूंगी गाऊँगी मैं
विरह की हु मैं मारी छोड़ के महल आतरी
मन मोहन की मैं प्यारी दुनिया से होक न्यारी
ले के चल प्रेम का नज़राना
मुझको तो वृन्दावन जाना
मुझको तो वृन्दावन जाना
पल पल तड़पुं मैं ऐसे मछली बिन जल के जैसे
अपने गिरधर के बिन मैं जीवन जियूँगी कैसे
पिया बिन रह ना पाव किसको ये दर्द सुनाओ
दर्शन बिन गिरधर के मैं कैसे मैं जनम बिटू
उनको सर्वस मैंने मन
मुझको तो वृन्दावन जाना
मुझको तो वृन्दावन जाना
कृष्णा कृष्णा बोलो कृष्णा
कृष्णा कृष्णा चल कृष्णा
गिरधर मेरे मन भय
मैं गिरधर के मन भाई
मीरा की नट नगर संग
हो गयी है प्रेम सगाई
गिरधर के प्रेम में घायल
पैरो में बांध के पायल
नाचूंगी बन के पागल
चरणों में बीते हर पल
लौट के वापस नहीं आना
मुझको तो वृन्दावन जाना
मुझको तो वृन्दावन जाना
तोड़ के सारे बंधन मीरा चली वृंदावन
अपने गिरधर नगर पे न्योछावर कर दिया जीवन
मीरा की प्रेम कहानी सारी दुनिया ने जानी
भक्तो के आगे प्रभु की चलती है ना मनमानी
चित्र विचित्र ने भी थाना
मुझको तो वृन्दावन जाना
मुझको तो वृन्दावन जाना
बोलो बनके बिहारी लाल की जय
जय श्री कृष्णा
जय श्री श्याम





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