मेरे कन्हैया बंसी बजैया, आजा तुझे मैं नैनों में बसा लूं, सारी गोपियन से तुझको मैं छुपा लूं, मेरे कन्हैया बंसी बजैया।
मेरे सिवा कोई देखे ना तुझको, मेरे सिवा कोई चाहे ना तुझको,
सांझ सवेरे दिन और रैना, मेरे सिवा कोई सोचे ना तुझको, मेरे कन्हैया बंसी बजैया, आजा तुझे मैं नैनों में बसा लूं, सारी गोपियन से तुझको मैं छुपा लूं, मेरे कन्हैया बंसी बजैया।
रंग बनाके रंग जाऊं मैं तुझमें, बंसी की धुन तेरी पाऊं मैं मुझमें, मैं हूं तेरी तू हो जाए जो मेरा,
Krishna Bhajan Lyrics Hindi
झूमूं खुशी से और गाऊं में मुझमें, मेरे कन्हैया बंसी बजैया।
कन्हैया की बांसुरी की मधुर धुन सुनते ही सारी सृष्टि मोहित हो जाती थी। उसकी तान से गायें प्रेम में झूम उठतीं थी। ग्वाल बाल नृत्य करने लगते और गोपियां सम्मोहित हो जातीं थी। वृंदावन की हवा भी उसकी बांसुरी की मिठास से सुगंधित हो जाती थी। उसकी बांसुरी में ऐसा जादू था कि पत्थर भी पिघल जाते और नदियां बहना भूल जातीं थी। कन्हैया की बांसुरी प्रेम, शांति और दिव्यता का प्रतीक थी। जय कन्हैया लाल की।
Mere Kanhaiya Bansi Bajaiiya
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