मन मस्त हुआ, गाता जाता भजन लिरिक्स Man Mast Hua Gata Jata Bhajan Lyrics

मन मस्त हुआ, गाता जाता भजन लिरिक्स Man Mast Hua Gata Jata Bhajan Lyrics

 
मन मस्त हुआ, गाता जाता भजन लिरिक्स Man Mast Hua Gata Jata Bhajan Lyrics

मन मस्त हुआ, गाता जाता, बंधन नहीं मुझमे समुद्र मैं,
मस्ती का सागर लहराता, सत् चित्त मस्ती स्वरुप हूँ मैं,
मुझसे कण कण मस्ती पाता, मन मस्त हुआ, गाता जाता,
मन मस्त हुआ, गाता जाता,

नहीं शस्त्र काट सकते मुझको, जल भी गीला नहीं कर सकता,
नहीं शस्त्र काट सकते मुझको, जल भी गीला नहीं कर सकता,
पावक मारुत की गेल चले, प्रहर की गाता जाता,
मन मस्त हुआ, गाता जाता,मन मस्त हुआ, गाता जाता,

जड़ मोह जगत की घनी घटा, भरती अंदर दुःख की झंझा,
जब ज्ञान सूर्य की उठे छँटा, दुःख दुम को दबा भाग जाता,
मन मस्त हुआ, गाता जाता,मन मस्त हुआ, गाता जाता,

बंधक मैं ऋषियों का हूँ नहीं,मस्ती पाने ना कहीं जाता,
बंधक मैं ऋषियों का हूँ नहीं, मस्ती पाने ना कहीं जाता,
मैं खुद मस्ती हूँ मुझसे ही,दुःख मुक्त हुआ मन मस्ताना,
मन मस्त हुआ, गाता जाता,मन मस्त हुआ, गाता जाता,
बंधन नहीं मुझमे समुद्र मैं,मस्ती का सागर लहराता,
सत् चित्त मस्ती स्वरुप हूँ मैं, मुझसे कण कण मस्ती पाता,
मन मस्त हुआ, गाता जाता, मन मस्त हुआ, गाता जाता, 
 


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