माँ तेरे प्यार की, कुछ ऐसी मैं कहानी लिख दूँ भजन
माँ तेरे प्यार की,
माँ तेरे प्यार की, कुछ ऐसी मैं कहानी लिख दूँ,
माँ तेरे प्यार की, कुछ ऐसी मैं कहानी लिख दूँ,
दिल की कलम से अपनी जिंदगानी लिख दूँ,
मन की कला से अपनी जिंदगानी लिख दूँ,
इक दिन सपने में तू आयी, बड़े प्यार से मुझे जगाई,
चुपके से मुझको सहलाया, माँ तूने मुझे गले लगाया,
तेरी लोरियों में प्रीत की कहानी लिख दूँ,
तेरी लोरियों में प्रीत की कहानी लिख दूँ,
मन की कला से अपनी जिंदगानी लिख दूँ,
दिल की कलम से अपनी जिंदगानी लिख दूँ,
जब जब जीवन से मैं हारा,माँ तुझको ही सदा पुकारा,
जब जब जीवन से मैं हारा,माँ तुझको ही सदा पुकारा,
कंधे पे सर तेरे टिका के, भूल गया ग़म सारे जहाँ के,
नेह ममता और प्यार माँ जुबानी लिख दूँ,
मन की कला से अपनी जिंदगानी लिख दूँ,
दिल की कलम से अपनी जिंदगानी लिख दूँ,
मुझसे नाता तोड़ गयी क्यों, बोल सिसकता छोड़ गयी क्यों,
कैसे बतलाऊँ क्या खोया, बहुत दिनों तक मैं ना सोया,
माँ तेरे नाम अपने, साँसों की रवानी लिखू दूँ,
मन की कला से अपनी जिंदगानी लिख दूँ,
दिल की कलम से अपनी जिंदगानी लिख दूँ, आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं