मेरी कुटिया में श्याम आया
मेरी कुटिया में श्याम आया,
ओ मेरी कुटिया में श्याम आया,
देखे इसने आंसू बहते,
दुःख पाऊँ क्यों इस के रहते,
सिर पे हाथ फिराया,
मेरी कुटिया में श्याम आया,
आँसू बहाए जग के आगे सब ने ही दुत्कारा,
हार गया तो श्याम सजन को दिल से मैंने पुकारा,
देख ना पाया रोते हुए को आके गले लगाया,
ओ मेरी कुटिया में श्याम आया,
अब तो जीवन श्याम हवाले छोड़ दी दुनियादारी,
दामन छोटा पड़ गया मेरा, इतना दिया दातरी,
चिंता मत कर मेरे रहते श्याम ने है समझाया,
ओ मेरी कुटिया में श्याम आया,
रहमत इनकी जब से हुई है रहती नही फिकर है,
अब तो मेरे सुख या दुःख में बाबा रखता नजर है
जो खानी भी है इनकी दया का माल खरा ना पाया
ओ मेरी कुटिया में श्याम आया,
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Author - Saroj Jangir
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