म्हारों गोरबन्द नखराळो
गोरबंध, ऊंट के गले का श्रृंगार करने के लिए एक आभूषण होता है। मारवाड़ तथा शेखावटी क्षेत्र में इस आभूषण पर गीत गोरबंध नखरालो गीत गाया जाता है। गोरबंद गीत से ऊँट के शृंगार का वर्णन मिलता है।
लड़ली लूमा झूमाँ ऐ, लड़ली लूमा झूमाँ ऐ,
ओ म्हारों गोरबन्द नखराळो,
आलिजा म्हारों गोरबन्द नखराळो,
ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ,
ओ म्हारों गोरबन्द नखराळो,
आलिजा म्हारों गोरबन्द नखराळो,
गायाँ चरावती गोरबन्द गुंथियों,
तो भैंस्या चरावती मैं पोयो पोयो राज,
मैं तो पोयो पोयो राज,
म्हारों गोरबन्द नखराळो,
आलिजा म्हारों गोरबन्द नखराळो,
लड़ली लूमा झूमाँ ऐ, लड़ली लूमा झूमाँ ऐ,
ओ म्हारों गोरबन्द नखराळो,
आलिजा म्हारों गोरबन्द नखराळो,
खारासमद सूं कोडा मँगाया,
तो बिकाणे, तो गढ़ बिकाणे जाए,
पोया पोया राज, मैं तो पोया पोया राज,
म्हारों गोरबन्द नखराळो,
आलिजा म्हारों गोरबन्द नखराळो,,
लड़ली लूमा झूमाँ ऐ, लड़ली लूमा झूमाँ ऐ,
ओ म्हारों गोरबन्द नखराळो,
आलिजा म्हारों गोरबन्द नखराळो,
देराणी जेठाणी मिल गोरबन्द गुंथियों,
तो नणदल साँचा मोती पोया पोया राज,
मैं तो पोया पोया राज,
म्हारों गोरबन्द नखराळो,
आलिजा म्हारों गोरबन्द नखराळो,
ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ,
लड़ली लूमा झूमाँ ऐ, लड़ली लूमा झूमाँ ऐ,
ओ म्हारों गोरबन्द नखराळो,
आलिजा म्हारों गोरबन्द नखराळो,
काँच री किवाड़ी माथे गोरबन्द टाँकों
तो देखता को हिवडो हरखे,
ओ राज हिवडो हरखे ओ राज,
म्हारों गोरबन्द नखराळो,
आलिजा म्हारों गोरबन्द नखराळो,
ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ,
लड़ली लूमा झूमाँ ऐ, लड़ली लूमा झूमाँ ऐ,
ओ म्हारों गोरबन्द नखराळो,
आलिजा म्हारों गोरबन्द नखराळो,
आलिजा म्हारों गोरबन्द नखराळो,
लड़ली लूमा झूमाँ ऐ, लड़ली लूमा झूमाँ ऐ,
ओ म्हारों गोरबन्द नखराळो,
आलिजा म्हारों गोरबन्द नखराळो,
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