राग: मालकोश
कर्ता कृष्णदास
नई ऋतु को आगम भयो सजनी बीदा होत हेमंत ।
इन बिरहिन के भाग्य तें सजनी आवत चल्यो बसंत ॥१॥
अब फूल है नये ड्रम बेली कामिनि के मन अति ही हसंत ।
कृष्णदास प्रभु रस बीएस कर लीनो शीतकाल को आयो अंत ॥ २ ॥
कर्ता कृष्णदास
नई ऋतु को आगम भयो सजनी बीदा होत हेमंत ।
इन बिरहिन के भाग्य तें सजनी आवत चल्यो बसंत ॥१॥
अब फूल है नये ड्रम बेली कामिनि के मन अति ही हसंत ।
कृष्णदास प्रभु रस बीएस कर लीनो शीतकाल को आयो अंत ॥ २ ॥
raag: maalakosh
karta krshnadaas
naee rtu ko aagam bhayo sajanee beeda hot hemant .
in birahin ke bhaagy ten sajanee aavat chalyo basant .1.
ab phool hai naye dram belee kaamini ke man ati hee hasant .
krshnadaas prabhu ras beees kar leeno sheetakaal ko aayo ant . 2 .
Pushtimargiya Kirtan Karaoke - Vasant Aagam Ko Pad - Raag Malkauns - नई ऋतु को आगम भयो सजनी
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