पलक निहारूं छवि तेरी भजन
मेरे श्याम बाबा सुन लो एक अरज है मेरी
छोड़ कर जाऊं जब मैं दुनिया सांवरे
पलक निहारू छवि तेरी
अंतिम सांस हो जब सांवरिया
मुख से श्याम ही निकले
बुझ जाए दीपक जब जीवन का
चरणों में तन पिघले
मेरे पाप मिटा दो सारी बंदिशे हटा दो
बाबा तेरा धाम पाऊं मेरी जिंदगी घटा दो
काट दो कन्हैया मेरी जनम जनम की फेरी
छोड़ कर जाऊं जब मैं दुनिया सांवरे
पलक निहारू छवि तेरी
भूले ना यह दुनिया तुझको तेरा दास कहांऊं
टूटे जब दम चरण कमल को तकिया श्याम बनाऊं
फिर नींद ना आए कोई रोग ना सताए
मैं ना तड़पू कन्हैया तू जो गोद में उठाए
मीठी मीठी बाजे फिर श्याम मुरलिया तेरी
छोड़ कर जाऊं जब मैं दुनिया सांवरे
पलक निहारू छवि तेरी
जब तक चलती सांसे दुनिया झूठे प्रीत दिखाएं
तन से मन का साथ जो टूटे अपने करीब ना आए
जब हो अपने पराए मेरी आंख भर आई
बाबा जहां मिलता ऐसा प्रेम क्यों बनाए
सोनी को देना बाबा चरणों की सेवा तेरी
छोड़ कर जाऊं जब मैं दुनिया सांवरे
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