मैंने झोली फैला दी कन्हैया भजन
मैंने झोली फैला दी कन्हैया
अब खजाना तो प्यार कर लुटा दे
अब खजाना तो प्यार कर लुटा दे
अब खजाना तो प्यार कर लुटा दे
मैंने झोली फैला दी कन्हैया...........
आया बनके मैं प्रेम पुजारी हूं
आया बनके मैं दर का भिखारी
दे दे झोली में इतना दयालु
मांगने की आदत छुड़ा दे
मैंने झोली फैला दी हे बाबा
अब खजाना तो प्यार कर लुटा दे
मुझको इतनी शर्म आ रही है
ना जुबा से कहीं जा रही है
तूने लाखों की बिगड़ी बनाई
आज मेरी भी बिगड़ी बना दे
मैंने झोली फैला दी कन्हैया
अब खजाना तो प्यार कर लुटा दे
ऐसे कब तक चलेगा गुजारा
थाम ले आकर दामन हमारा
हो सके तो दया कर दयालु
अपने चरणों की सेवा में लगा ले
मैंने झोली फैला दी कन्हैया
अब खजाना तो प्यार कर लुटा दे
आज बनवारी दिल रो रहा है
जो कभी ना हुआ हो रहा है
एक तमन्ना है मरने से पहले
अपना दर्शन मुझे भी करा दे
मैंने झोली फैला दी कन्हैया
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Author - Saroj Jangir
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