सरस्वती माता स्त्रोतम Saraswati Mata Strotam

सरस्वती माता स्त्रोतम Saraswati Mata Strotam

 
सरस्वती माता स्त्रोतम Saraswati Mata Strotam

|| श्वेत पद्मासना देवी , श्वेत पुष्पोपशोभिता
श्वेताम्बरधरा नित्य , श्वेतगन्धानुलेपना ,
श्वेताक्षसूत्र हस्ता च श्वेत चंदन चर्चिता
श्वेत वीणा -धरा -शुभ्रा श्वेतालंकारा भूषिता
वन्दिता सिद्धा गन्धर्वैरर्चिता सुरदानावैही
पूजिता मुनिभिहि सर्वऋषिभिहि स्तूयते सदा
स्तोत्रेणानेन तां देवीं जगद्धात्रिं सरस्वतीं
ये स्मरन्ति त्रिसंध्यायाम सर्वो विद्यां लभन्ति ते || 
 
|| श्वेत पद्मासना देवी , श्वेत पुष्पोपशोभिता
श्वेताम्बरधरा नित्य , श्वेतगन्धानुलेपना ,
श्वेताक्षसूत्र हस्ता च श्वेत चंदन चर्चिता
श्वेत वीणा -धरा -शुभ्रा श्वेतालंकारा भूषिता
वन्दिता सिद्धा गन्धर्वैरर्चिता सुरदानावैही
पूजिता मुनिभिहि सर्वऋषिभिहि स्तूयते सदा
स्तोत्रेणानेन तां देवीं जगद्धात्रिं सरस्वतीं
ये स्मरन्ति त्रिसंध्यायाम सर्वो विद्यां लभन्ति ते || 




बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती स्तोत्रम् का पाठ करने से बुद्धि एवं धन की निरंतर प्राप्ति होती है

|| shweta padmasana devi, shweta pushpopasobhita
Swetambaradhara nitya, Shwetagandhanulepana,
Shwetakshasutra hastha cha shweta chandana charchita
Shweta veena-dhara-shubhra shwetalankaara bhusita
Vandita sidhha gandherwyrarchita suradaanavaihi
Poojita munibhihi sarvarushibhihi stooyate sadha
Stotrenaanena taam devim jagadhhatrim saraswatim
Ye smaranti trisandhyayaam sarvo vidyam labhanti te ||

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं

एक टिप्पणी भेजें