तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं भजन
तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं,
सुनता मेरी कौन है, किसे सुनाऊँ मैं,
तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं,
देख लिया जग सारा मैने तेरे जैसा मीत नहीं,
तेरे जैसा प्रबल सहारा तेरे जैसी प्रीत नहीं,
किन शब्दों में आपकी महिमा गाऊं मैं,
तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं,
सुनता मेरी कौन है, किसे सुनाऊँ मैं,
तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं,
अपने पथ पर आप चलूं मैं मुझमे इतना ज्ञान नहीं,
हूँ मति मंद नयन का अंधा भला बुरा पहचान नहीं,
हाथ पकड़ कर ले चलो ठोकर खाऊं मैं,
तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं,
सुनता मेरी कौन है, किसे सुनाऊँ मैं,
तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं,
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