बाबा रूप थारों दिल में समां गयो भजन
थानें निरख निरख कालजडों, हरख हरख हर्षावें जी,
थारी सूरत आगे बाबा, रास नहीं कुछ आवे जी,
ओ साँवरियाँ कामण थारो, प्रेम को रोग लगावे जी,
इक ही चित्त में प्रेम यो तारों, सैंकड़ो बार चुरावे जी,
सैंकड़ो बार चुरावे जी,
बाबा थारे रूप के आगे, म्हाने चंदा फीको लागे,
श्याम, रूप थारों दिल में समां गयो,
ओ, रूप थारों दिल में समां गयो,
बाबा थारे रूप के आगे, म्हाने चंदा फीको लागे,
ओ, रूप थारों दिल में समां गयो,
शीश मुकुट की छँटा निराली, मोर पंख लहरावे जी,
काना कुण्डल लट नागण सी, लाम्बो तिलक लगावे जी,
फूल खिलें ज्यूँ वन उपवन में, जद बाबो मुस्कावे जी,
फूल खिलें ज्यूँ वन उपवन में, जद बाबो मुस्कावे जी,
जद बाबो मुस्कावे जी,
थी आँख्यां जादूगारी, मोटी मोटी कारी कारी,
श्याम, रूप थारों दिल में समां गयो,
ओ, श्याम, रूप थारों दिल में समां गयो,
सतरंगी बाग़ा पर बाबा, आसमान का तारा जी,
कर कमला पर बंशी थारे, गल बैजंती माळा जी,
बन ठन बेठ्या इया बाबा, लागो प्यारा प्यारा जी,
बन ठन बेठ्या इया बाबा, लागो प्यारा प्यारा जी,
लागो प्यारा प्यारा जी,
'गोलू' निजर उतारें थारी, थापें जाऊँ वारी वारी,
श्याम, रूप थारों दिल में समां गयो,
ओ, श्याम, रूप थारों दिल में समां गयो,
थानें निरख निरख कालजडों, हरख हरख हर्षावें जी,
थारी सूरत आगे बाबा, रास नहीं कुछ आवे जी,
ओ साँवरियाँ कामण थारो, प्रेम को रोग लगावे जी,
इक ही चित्त में प्रेम यो तारों, सैंकड़ो बार चुरावे जी,
सैंकड़ो बार चुरावे जी,
बाबा थारे रूप के आगे, म्हाने चंदा फीको लागे,
श्याम, रूप थारों दिल में समां गयो,
ओ, रूप थारों दिल में समां गयो,
बाबा थारे रूप के आगे, म्हाने चंदा फीको लागे,
ओ, रूप थारों दिल में समां गयो,
बाबा थारो रूप दिल में समां गया | Tharo Roop | Lyrical Shyam Bhajan by Nisha Soni (Full HD)
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