सीयाराम कण कण है समाया भजन

सीयाराम कण कण है समाया

 सीयाराम कण-कण है समाया,
जिधर देखा, नज़र वहीं आया।।

सागर जल में वही, गगन-थल में वही,
सेनादल में वही, भक्ति बल में वही।।
रोम-रोम राम नाम रस छाया,
जिधर देखा, नज़र वहीं आया।।

छोटे-बड़े, भले-बुरे इंसान में,
जीवन के हर, छोटे-बड़े अभियान में।।
रज़ा उसकी में सब होता आया,
जिधर देखा, नज़र वहीं आया।।

माला के मनकों में, सीया सिन्दूर में,
छाती फोड़ दिखाया, सीयाराम उर में।।
लव-कुश में सीयाराम को पाया,
जिधर देखा, नज़र वहीं आया।।

सीयाराम के काज, दिए संवार सभी,
मां के दूध के कर्ज़, दिए उतार सभी।।
अजर-अमर 'मधुप' वर पाया,
जिधर देखा, नज़र वहीं आया।।


बहुत ही मधुर दीवाली स्पेशल राम भजन | siyaram kan kan hai samaya | mamta
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