वायु देव गायत्री मंत्र लिरिक्स Vayu Dev Gayatri Mantra Lyrics

वायु देव गायत्री मंत्र लिरिक्स Vayu Dev Gayatri Mantra Lyrics

 
वायु देव गायत्री मंत्र लिरिक्स Vayu Dev Gayatri Mantra Lyrics

ओम जगतप्राणाय विद्यमहे, ध्वजा हस्ताय धीमहि, तन्नो वायु: प्रचोदयात,
ओम जगतप्राणाय विद्यमहे, ध्वजा हस्ताय धीमहि, तन्नो वायु: प्रचोदयात,
ओम जगतप्राणाय विद्यमहे, ध्वजा हस्ताय धीमहि, तन्नो वायु: प्रचोदयात,
ओम जगतप्राणाय विद्यमहे, ध्वजा हस्ताय धीमहि, तन्नो वायु: प्रचोदयात,
ओम जगतप्राणाय विद्यमहे, ध्वजा हस्ताय धीमहि, तन्नो वायु: प्रचोदयात,
ओम जगतप्राणाय विद्यमहे, ध्वजा हस्ताय धीमहि, तन्नो वायु: प्रचोदयात,
ओम जगतप्राणाय विद्यमहे, ध्वजा हस्ताय धीमहि, तन्नो वायु: प्रचोदयात,
ओम जगतप्राणाय विद्यमहे, ध्वजा हस्ताय धीमहि, तन्नो वायु: प्रचोदयात,
ओम जगतप्राणाय विद्यमहे, ध्वजा हस्ताय धीमहि, तन्नो वायु: प्रचोदयात,
ओम जगतप्राणाय विद्यमहे, ध्वजा हस्ताय धीमहि, तन्नो वायु: प्रचोदयात,
ओम जगतप्राणाय विद्यमहे, ध्वजा हस्ताय धीमहि, तन्नो वायु: प्रचोदयात,
 


Vayudev Gayatri Mantra 108 Times With Lyrics | वायुदेव गायत्री मंत्र | Lord Vayu Gayatri Mantra

दुर्गा गायत्री

ॐ गिरिजाये विद्महे शिवप्रियाय धीमहि तन्नो दुर्गा :प्रचोदयात
त्वरिता गायत्री मन्त्र–
(या श्री: स्वयम स्वकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मी:
पापात्मनां कृतधियां हृद्येशु बुद्धि: |
श्रृद्धा शतां कुलजन प्रभवस्य लज्जा,
ता त्वां नतास्म परिपालय देवि विश्वं ||)
ॐ त्वरिता देव्यै च विद्महे महानित्यायै धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
महिष मर्द्दिनी गायत्र मन्त्र—
ॐ महिषमर्द्दियै च दुर्गायै च धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
मातंगी गायत्री मन्त्र—-
ॐ मातं गये मतंग्ये [यै] च उच्छिष्ट चाण्डाल्यै च धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
बागला मुखी गायत्री मन्त्र—-
ॐ बागला मुख्यं च विद्महे स्तंभिन्यै च धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
धूमावती गायत्री मन्त्र—-
ॐ धूमावत्यै च विद्महे संहारिन्यै च धीमहि, तन्नो धूमा प्रचोदयात !
छिन्नमस्ता गायत्री मन्त्र—-
ॐ वैरोचन्यै च विद्महे छिन्नमस्तायै धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
भैरवी गायत्री मन्त्र—-
ॐ त्रिपुरायै च विद्महे भैरव्यै च धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
भुवनेश्वरी गायत्री मन्त्र—-
ॐ नारायन्यै च विद्महे भुवनेश्वर्यै धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
त्रिपुर सुंदरी गायत्री मन्त्र—–
ॐ त्रिपुरा दैव्यै विद्महे क्लीं कामेश्वर्यै धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
तारा गायत्री मन्त्र–
ॐ तारायै च विद्महे महोग्रायै च धीमहि, सौस्तन्न: क्लिन्नै प्रचोदयात!
काली गायत्री मन्त्र—
ॐ कालिकायै च विद्महे श्मशान वासिन्यै धीमहि, तन्नो अगोरा प्रचोदयात!
अन्नपूर्णा गायत्र मन्त्र–
ॐ भगवत्यै च विद्महे माहेश्वर्यै च धीमहि, तन्नो अन्नपूर्णा प्रचोदयात!
गौरी गायत्री मन्त्र—
ॐ सुभगार्यै च विद्महे काम मालायै धीमहि, तन्नो गौरी प्रचोदयात!
देवी गायत्री मन्त्र—
ॐ देव्यै विद्महे महाशक्त्यै च धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात!
शक्ति गायत्री मन्त्र—
ॐ सर्व सम्मोहिन्यै विद्महे विश्वनन्यै धीमहि, शक्ति प्रचोदयात
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