अपना मालिक बाबा श्याम हमको दुनियाँ से क्या काम लिरिक्स
अपना मालिक बाबा श्याम, हमको दुनियाँ से क्या काम,
श्याम धणी के चरणों में है, अपने चारों धाम,
अपना मालिक बाबा श्याम, हमको दुनियाँ से क्या काम,
खाटू में है श्याम धणी का, मंदिर बड़ा ही भारी,
बैठा है दरबार लगा कर, कलयुग का अवतारी,
जिसके दर्शन से भक्तों का, हो जाता कल्याण,
अपना मालिक बाबा श्याम, हमको दुनियाँ से क्या काम,
श्याम धणी के होते हम पर, विपदा कभी ना आवे,
इसके हाथ में सौंप के जीवन, हम तो मौज उड़ाएँ,
अब तो ये खाटू वाला ही, रखता अपना ध्यान,
अपना मालिक बाबा श्याम, हमको दुनियाँ से क्या काम,
बाबा के दरबार में "सोनू" (लेखक Sunil Gupta Sonu) जब से बने हैं चाकर,
सँवर गई है किस्मत अपनी, इसकी शरण में आकर,
देख हमारे ठाट बाट को, दुनियाँ है हैरान,
अपना मालिक बाबा श्याम, हमको दुनियाँ से क्या काम,
अपना मालिक बाबा श्याम, हमको दुनिया से क्या काम,
श्याम धणी के चरणों में है, अपने चारों धाम,
अपना मालिक बाबा श्याम, हमको दुनियाँ से क्या काम,
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