बरसाने की नवल नार मिलि होरी भजन लिरिक्स

बरसाने की नवल नार मिलि होरी भजन लिरिक्स Barsane Ki Naval Naar Mili Hori Khelan Aai Ho bhajan Lyrics

 
बरसाने की नवल नार मिलि होरी भजन लिरिक्स Barsane Ki Naval Naar Mili Hori Khelan Aai Ho bhajan Lyrics

बरसाने की नवल नार मिलि होरी खेलन आई हो,
वरवट धाय जाय जमुनातट धेरे कुँवर कन्हाई हो,
अति जिनी केसरी रंगभीनी सारी सुरंग सुहाई हो,
कंचन बरन कंचुकी ऊपर जलकत जोबन झाई हो,
केसरी कस्तुरी मलयागर भाजन भर भर लाइ हो,
अबीर गुलाल फेंट भर भामिनी करन करन पिचकाइ हो,
उतते गोप सखा सब उमड़े खेल मच्यो उदमाई हो,
बाजत ताल मृदंग झाझ डफ मुरली मधुर बजाई हो,
खेलत खेलत रसिक सिरोमनि राधाजू नीकट बुलाई हो,
ऋषीकेस प्रभु रीझी स्यामधन वनमाला पहिराई हो,
 


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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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