दादी का जहाँ पे गुणगान हो गया भजन
दादी का जहाँ पे गुणगान हो गया,
दादी का जहाँ पे गुणगान हो गया,
दादी की दया से आऱाम हो गया,
दादी का मंगल रोज करो,
दादी के चरणों की सेवा करो,
दादी नाम जहाँ सुबह शाम हो गया,
दादी की दया से आऱाम हो गया,
दादी का जहाँ पे गुणगान हो गया,
दादी की दया से आऱाम हो गया,
घर वाले सारे मिलकर जहाँ,
माँ का भजन वो करते वहाँ,
दादी नाम जहाँ निष्काम हो गया,
दादी की दया से आऱाम हो गया,
दादी का जहाँ पे गुणगान हो गया,
दादी की दया से आऱाम हो गया,
दादी की दया से आऱाम हो गया,
दादी का जहाँ पे गुणगान हो गया,
दादी की दया से आऱाम हो गया,
दादी की महिमा जो जाएगा,
दादी की किरपा वो पायेगा,
दादी नाम जहाँ आठों याम हो गया,
दादी की दया से आऱाम हो गया,
दादी का जहाँ पे गुणगान हो गया,
दादी की दया से आऱाम हो गया,
हर्ष चाहे हो मंदिर हो या घर,
मैया की महिमा की चर्चा तूं कर,
दादी नाम जहाँ सरे आम हो गया,
दादी की दया से आऱाम हो गया,
दादी का जहाँ पे गुणगान हो गया,
दादी की दया से आऱाम हो गया,
दादी का जहाँ पे गुणगान हो गया,
दादी का जहाँ पे गुणगान हो गया,
दादी की दया से आऱाम हो गया,
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं