मेरी खुला लोटरी बाबा दर पे धूम मचाऊँगी लोटरी भजन
मैं बड़ी दूर ते आयी, मैं हरियाणा ते आयी
मै बड़ी दूर ते आयी, मै खाली हाथ ना जाऊँगी,
मेरी खुला लोटरी बाबा, दर पे धूम मचाऊँगी,
मेरी खुला लॉटरी बाबा, दर पे धूम मचाऊँगी,
कमीं नहीं तेरे भंडारे में कहती दुनियाँ सारी,
कद की देखूँ बाट साँवरा कद आवे मेरी बारी
तू सबसे देव निराला मेरा खोल करम का ताला
मेरा खोलकरम का ताला नही तो में शोर मचाऊँगी,
मेरी खुला लोटरी बाबा, दर पे धूम मचाऊँगी,
मेरी खुला लॉटरी बाबा, दर पे धूम मचाऊँगी,
महँगाई में घर का बाबा कोन्या चाले गुजारा,
मैं भूखी बालक भूखे तंग पावे कुनबा सारा
ते ईसा मार दे सोटा, मेरा दूर भाग जाये टोटा,
मेरा दूर भाग जाये टोटा में फूली नही समाऊंगी,
मेरी खुला लोटरी बाबा, दर पे धूम मचाऊँगी,
मेरी खुला लॉटरी बाबा, दर पे धूम मचाऊँगी,
इच्छा पूरी होगी तो तेरे दर पे पैदल आऊ,
चौबीस कैरेट सोने का मे तेरे छत्र चढ़ाऊँ,
आगे सब तेरी मर्जी ये "भीमसेन" (लेखक) की अर्जी,
ये"भीमसेन"की अर्जी "निलम" (गायिका) गुण तेरे गायेगी,
मेरी खुला लोटरी बाबा, दर पे धूम मचाऊँगी,
मेरी खुला लॉटरी बाबा, दर पे धूम मचाऊँगी,
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