धर्म कर्म का ज्ञान नहीं भजन
धर्म कर्म का ज्ञान नहीं, अनजान जो पूजा पाठ से,
दो अक्षर का नाम जपो, जीवन को बिताओं ठाठ से,
साईं साईं बोलो, बस साईं साईं बोलो,
साई शरण में आकर मैंने सीखा है बस इतना ज्ञान,
जीवन हो आर्दश में और सब का करना है सम्मान,
चीज कभी ना अपनाओं जो मिले किसी आघात से,
दो अक्षर का नाम जपो, जीवन को बिताओं ठाठ से,
साईं साईं बोलो, बस साईं साईं बोलो,
जय साईं राम बोलो जय साईं राम,
मंदिर घूमों मस्जिद घूमों चाहे घूमों चारों धाम,
माता पिता की सेवा में जो, मन को मिलता है आराम,
ऐसा सुख बैकुंठ में मिले नाम ना मिले किसी भी जाप से,
दो अक्षर का नाम जपो, जीवन को बिताओ ठाठ से,
साईं साईं बोलो, बस साईं साईं बोलो,
जय साईं राम बोलो जय साईं राम,
कर्म का फेरा बहुत बुरा है, बुरा कभी ना कर्म करों,
औरों को पढ़ने से पहले, खुद को पहले आप पढ़ो,
मुख पर वाणी मीठी रखों और बात को बोलो नाप के,
दो अक्षर का नाम जपो, जीवन को बिताओ ठाठ से,
साईं साईं बोलो, बस साईं साईं बोलो,
जय साईं राम बोलो जय साईं राम,
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