घाम पड़े धरती तपै रे पड़े नगांरा री रोल
यह विवाह के अवसर पर गाया जाने वाला लोक गीत हैं जसमे स्त्रियां दूल्हे को कहती है की देखो कितनी धुप पड़ रही है (घाम -धूप ) साथ ही नंगारे भी बज रहे हैं। हम तो किसी प्रकार से इसे सहन कर लेंगी लेकिन तुम्हे अपने पिता का ध्यान करना चाहिए जो की मोतियों से भी महंगे हैं, अमूल्य हैं। तुम्हे तुम्हारी माताजी और अन्य रिश्तेदारों का भी ध्यान रखना चाहिए।
घाम पड़े, धरती तपै रे, पड़े नगांरा री रोल,
भंवर थारी जांत मांयने,
बापाजी बिना कड़ू चालणू रे,
बापा मोत्यां सूं मूंगा साथा।
भंवर थारी जांन मांयने,
माताजी बिना केडूं चालणू रे,
माताजी हरका दे साथ,
भंवर थारी जान मांयने,
घाम पड़े, धरती रपै रे, पड़े नागरां री रौल,
भवंर थारी जांन मांयने,
घाम पड़े, धरती तपै रे, पड़े नगांरा री रोल,
भंवर थारी जांत मांयने,
बापाजी बिना कड़ू चालणू रे,
बापा मोत्यां सूं मूंगा साथा।
भंवर थारी जांन मांयने,
माताजी बिना केडूं चालणू रे,
माताजी हरका दे साथ,
भंवर थारी जान मांयने,
घाम पड़े, धरती रपै रे, पड़े नागरां री रौल,
भवंर थारी जांन मांयने,
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