जो भी आया लुट गया साँवल तेरे दरबार

जो भी आया लुट गया साँवल तेरे दरबार में भजन

 
जो भी आया लुट गया साँवल तेरे दरबार में लिरिक्स Jo Bhi Aaya Lut Gaya Sanval Tere Darbar Lyrics

जो भी आया लुट गया, मोहन तेरे दरबार में,
जो भी आया लुट गया, साँवल तेरे दरबार में,
जो भी आया लुट गया, लाडो तेरे दरबार में
बिक गया बेमोल ही वो, इश्क के बाजार में,

इक नज़र करुणा की, हो जाए इधर भी साँवरे,
इक नज़र करुणा की, हो जाए इधर भी साँवरे,
रात दिन रोती रहूँ, प्रीतम मैं तेरे प्यार में,
बिक गया बेमोल ही वो, इश्क के बाजार में,

चल के तेरे पास कैसे आ सकूँ मैं प्राण धन,
चल के तेरे पास कैसे आ सकूँ मैं प्राण धन,
अब ना हिम्मत रही, तेरे इस बीमार में,
जो भी आया लुट गया, साँवल तेरे दरबार में,
बिक गया बेमोल ही वो, इश्क के बाजार में,

खींच लो मुझ पतित को भी इस तरह आगोश में,
पास रहता है, दूर रहता है, दिल में कोई हुजूर रहता है,
जब से देखा है तेरी मस्त नजरो को,
हल्का हल्का सरूर रहता है,
खींच लो मुझ पतित को भी इस तरह आगोश में,
फँसने अब ये दिल ना पाए, अब तेरे संसार में,
जो भी आया लुट गया, साँवल तेरे दरबार में,
बिक गया बेमोल ही वो, इश्क के बाजार में,


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