मंगल भवन अमंगल हारी भजन लिरिक्स Mangal Bhawan Amangal Hari Bhajan Lyrics
श्री राम जी का अत्यंत ही सुन्दर भजन है " मंगल भवन अमंगल हारी " इस भजन के बोल भी अत्यंत ही सुन्दर हैं जो की रामचरित मानस की चौपाइयाँ हैं, इन्हे स्वर दिया है मीनाक्षी जी मजूमदार ने और संगीत है गौरब शाम जी का। यह भजन सुनसे में बहुत है भाव भरा है ,आप भी सुनिए " मंगल भवन अमंगल हारी " भजन। -जय श्री राम।
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम - २
हो, होइहै वही जो राम रचि राखा
को करे तरफ़ बढ़ाए साखा
हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी
आपद काल परखिये चारी
हो, जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू
सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू
हो, जाकी रही भावना जैसी
रघु मूरति देखी तिन तैसी
रघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन न जाई
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
हो, हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
Mangal Bhavan Ama.ngal Haarii
Drabahu Sudasarath Achar Bihaarii
Raam Siyaa Raam Siyaa Raam Jay Jay Raam - 2
Ho, Hoihai Vahii Jo Raam Rachi Raakhaa
Ko Kare Taraf Ba.dhaae Saakhaa
Ho, Dhiiraj Dharam Mitra Aru Naarii
Aapad Kaal Parakhiye Chaarii
Ho, Jehike Jehi Par Satya Sanehu
So Tehi Milay Na Kachhu Sandehu
Ho, Jaakii Rahii Bhaavanaa Jaisii
Raghu Murati Dekhii Tin Taisii
Raghukul Riit Sadaa Chali Aa_ii
Praan Jaae Par Vachan Na Jaa_ii
Raam Siyaa Raam Siyaa Raam Jay Jay Raam
Ho, Hari Anant Hari Kathaa Anantaa
Kahahi Sunahi Bahuvidhi Sab Sa.ntaa
Raam Siyaa Raam Siyaa Raam Jay Jay Raam
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम,
राम सिया राम सिया राम जय जय राम,
हो, होइ है वही जो राम रचि राखा,
को करे तरफ़ बढ़ाए साखा,
हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी,
आपद काल परखिये चारी,
हो, जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू,
सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू,
हो, जाकी रही भावना जैसी,
रघु मूरति देखी तिन तैसी,
रघुकुल रीत सदा चली आई,
प्राण जाए पर वचन न जाई,
राम सिया राम सिया राम जय जय राम,
हो, हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता,
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता,
राम सिया राम सिया राम जय जय राम,
द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम - २
हो, होइहै वही जो राम रचि राखा
को करे तरफ़ बढ़ाए साखा
हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी
आपद काल परखिये चारी
हो, जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू
सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू
हो, जाकी रही भावना जैसी
रघु मूरति देखी तिन तैसी
रघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन न जाई
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
हो, हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
Mangal Bhavan Ama.ngal Haarii
Drabahu Sudasarath Achar Bihaarii
Raam Siyaa Raam Siyaa Raam Jay Jay Raam - 2
Ho, Hoihai Vahii Jo Raam Rachi Raakhaa
Ko Kare Taraf Ba.dhaae Saakhaa
Ho, Dhiiraj Dharam Mitra Aru Naarii
Aapad Kaal Parakhiye Chaarii
Ho, Jehike Jehi Par Satya Sanehu
So Tehi Milay Na Kachhu Sandehu
Ho, Jaakii Rahii Bhaavanaa Jaisii
Raghu Murati Dekhii Tin Taisii
Raghukul Riit Sadaa Chali Aa_ii
Praan Jaae Par Vachan Na Jaa_ii
Raam Siyaa Raam Siyaa Raam Jay Jay Raam
Ho, Hari Anant Hari Kathaa Anantaa
Kahahi Sunahi Bahuvidhi Sab Sa.ntaa
Raam Siyaa Raam Siyaa Raam Jay Jay Raam
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम,
राम सिया राम सिया राम जय जय राम,
हो, होइ है वही जो राम रचि राखा,
को करे तरफ़ बढ़ाए साखा,
हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी,
आपद काल परखिये चारी,
हो, जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू,
सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू,
हो, जाकी रही भावना जैसी,
रघु मूरति देखी तिन तैसी,
रघुकुल रीत सदा चली आई,
प्राण जाए पर वचन न जाई,
राम सिया राम सिया राम जय जय राम,
हो, हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता,
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता,
राम सिया राम सिया राम जय जय राम,
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