मात पिता को भूल ना जाना
मात पिता को भूल ना जाना, इनके बड़े एहसान,
इतना जान ले रे इंसान, इतना जान ले रे इंसान,
इनके पावन चरणों में ही, है तेरा कल्याण,
मात पिता को भूल ना जाना, इनके बड़े एहसान,
इतना जान ले रे इंसान, इतना जान ले रे इंसान,
मंदिर मस्जिद काहे भटके, काहे गुरूद्वारे सिर पटके,
खोल किंवाड़ तूँ अंतर्घट के, काहे दिखावे लटके झटके,
मात पिता की सेवा करले, ये हैं खुद भगवान,
इतना जान ले रे इंसान, इतना जान ले रे इंसान,
इतना जान ले रे इंसान, इतना जान ले रे इंसान,
पाकर माया मूरख प्राणी, तूने इनकी कदर ना जानी,
इनको बोले कड़वी बाणी, ठीक नहीं है ये अभिमानी,
दुनियाँ में कोई चीज नहीं है, मात पिता के समान,
इतना जान ले रे इंसान, इतना जान ले रे इंसान,
इतना जान ले रे इंसान, इतना जान ले रे इंसान,
चाहो सुख संतान से लेना, मात पिता को दुःख मत देना,
संग संग इनके हरदम रहना, पाप की लहरों में मत बहना,
जैसी करणी वैसी भरणी, कह गए वेद पुराण,
इतना जान ले रे इंसान, इतना जान ले रे इंसान,
इतना जान ले रे इंसान, इतना जान ले रे इंसान,
मात पिता को भूल ना जाना, इनके बड़े एहसान,
इतना जान ले रे इंसान, इतना जान ले रे इंसान,
इनके पावन चरणों में ही, है तेरा कल्याण,
मात पिता को भूल ना जाना, इनके बड़े एहसान,
इतना जान ले रे इंसान, इतना जान ले रे इंसान,
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