पँछी काहे होत उदास भजन लिरिक्स Panchi Kahe Hot Udas Bhajan Lyrics

पँछी काहे होत उदास भजन लिरिक्स Panchi Kahe Hot Udas Bhajan Lyrics

 
पँछी काहे होत उदास भजन लिरिक्स Panchi Kahe Hot Udas Bhajan Lyrics

पंछी रे, पंछी काहे होत उदास,
तू तोड़ न मन की आस, पँछी,
तोड़ न मन की आस, पँछी,
काहे होत उदास, पँछी,
काहे होत उदास,

देख घटाये आयी हैं वो,
एक संदेशा लायी हैं वो,
देख घटाये आयी हैं वो,
देख संदेशा लायी हैं वो,
पिंजरा लेकर उड़ जा पँछी,
जा साजन के पास, पँछी,
काहे होत उदास, पँछी,
काहे होत उदास,

उठ और उठकर आग लगा दे,
फूँक दे पिंजरा, पंख जला दे,
उठ और उठकर आग लगा दे,
फूँक दे पिंजरा, पंख जला दे,
राख बबूला बन कर पंछी,
राख बबूला बन कर तेरी,
पहुँचे उनके पास, पँछी,
काहे होत उदास, पँछी,
काहे होत उदास,


ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.

ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें 

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।  
 
 

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
+

एक टिप्पणी भेजें