पावन आत्मा से परमात्मा का भजन

पावन आत्मा से परमात्मा का भजन

पावन आत्मा से परमात्मा का भजन Pawan Aatma Se Parmatma ka Bhajan Lyrics
पावन आत्मा से परमात्मा का, सुमिरन करता जा,
जोड़ जोड़ अहंकार की पूँजी , अपने से ही दूर हुआ,
घट के प्रभु को त्याग के क्यों तू, मद में ऐसा चूर हुआ,
पीकर राम नाम का रस मद प्याला, भंजन करता जा,
पावन आत्मा से,

नर में ही नारायण बसते , इनकी सदा ही सेवा करना,
कटु वचन मत कहना किसी को , कटु वचन का घाव न देना,
धीरज धरम को अपना ले और मन को , चन्दन करता जा,
पावन आत्मा से,

जो विश्वास की डगर पे चलते , उमको सदा ही राम मिले,
साँची कहे बमनावत जो कोई , मिथ्या मने हाथ मले,
आत्मा दर्पण में परमात्मा का , दर्शन करता जा,
पावन आत्मा से,
 


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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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